एफएनएन, देहरादून : विजय दिवस के मौके पर शुक्रवार को देहरादून स्थित गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड रोडवेज में सभी सैनिकों व वीरांगनाओं को निःशुल्क यात्रा की सुविधा देने की घोषणा की। साथ ही कहा कि कैंट क्षेत्र में निवासरत सभी सैन्य परिवारों को हाउस टैक्स में छूट देने को लेकर उचित समाधान निकाला जाएगा।
- औद्योगिक नीति में शामिल किए गए हैं उद्योगपतियों के सुझाव: धामी
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए बनाई जा रही औद्योगिक नीति में उद्योगपतियों के सुझावों को शामिल किया गया है। सरकार का प्रयास है कि राज्य में अधिक से अधिक निवेश हो और पहले से ही स्थापित उद्योगों को और बेहतर सुविधाएं मिलें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लघु उद्योगों के लिए अनेक संभावनाएं हैं।
गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में एग्रो फूड प्रोसेसिंग कान्क्लेव में देश व विदेश के उद्योगपतियों के साथ राज्य में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य में लाजिस्टिक नीति शुरू की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पास प्राकृतिक सौंदर्य एवं बेहतर मानव संसाधन हैं। राज्य में हवाई, रेल एवं सड़क संपर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। राज्य में उद्योगों को रफ्तार देने के लिए समय-समय पर उद्योगपतियों से संवाद स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कान्क्लेव को एडवांटेज उत्तराखंड के लिए समर्पित किया गया है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि देश के विकास में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। उत्तराखंड में जैविक एवं प्राकृतिक खेती को अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका का सबसे बड़ा संसाधन पशुपालन, दुग्ध एवं इससे संबंधित उत्पाद हैं। दुग्ध एवं उनसे संबंधित उत्पादों के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं।
मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए औद्योगिक संस्थानों को हर संभव सुविधा देने के प्रयास किए गए हैं। निवेशकों को यदि लाइजन अधिकारी की जरूरत होगी तो उपलब्ध कराए जाएंगे। कार्यक्रम में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, डा पंकज कुमार पांडेय व डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम के अलावा पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने भी अपने विचार रखे।