कई ग्रामीणों ने सुबह स्कूल के रास्ते पर तेंदुए का जोड़ा देखने का किया दावार
जिले में अक्सर आबादी में घुस आते हैं, पुलिस-वन विभाग की टीम ने पहुंचकर बढ़ाई हिम्मत
एफएनएन ब्यूरो, गजरौला। आपराधिक तत्वों की कारस्तानियों के चलते हिंसक वन्य जीवों और मानवों के अधिकार क्षेत्रों में बेवजह का हस्तक्षेप हद से ज्यादा बढ़ने का ही नतीजा है आबादी में घुसकर मवेशियों और मनुष्यों पर जंगली पशुओं केे खूनी हमले। शनिवार को तो गजरौला में हद ही पार हो गई, जब एक तेंदुआ गांव खजूरी के प्राथमिक विद्यालय में घुस आया। स्कूल में मौजूद 17 बच्चे और कई शिक्षक तेंदुए को देखते ही बुरी तरह घबरा गए और दरवाजे बंद कर स्कूल में बने लोहे के जंगले को अंदर से बंद कर काफी देर तक कैद रहे। तेंदुआ बहुत देर तक स्कूल परिसर में ही चहलकदमी करता रहा। स्कूल के शिक्षकों ने थाना पुलिस को फोन पर तेंदुए की आमद की इत्तिला दी।

जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी इंस्पेक्टर हरीश वर्धन पुलिस टीम के साथ स्कूल में पहुंचे। लेकिन, तब तक तेंदुआ स्कूल से निकलकर जंगल में भाग चुका था। थाना प्रभारी हरीश वर्धन ने घबराए शिक्षकों और बच्चों से बात कर उनकी हिम्मत बढ़ाई। सूचना पर वन विभाग की टीम भी स्कूल में पहुंच गई है। इससे पहले भी जिले में कई जगहों पर तेंदुए देखे जा चुके हैं। स्कूल में तेंदुआ घुस आने की जानकारी मिलने पर बहुत से बच्चों के अभिभावक भी पहुंच गए और जानकारी लेने में जुट गए। अपने बच्चों को सुरक्षित देखकर उनकी जान में जान आई।
वह बच्चों को घर ले गए। विद्यालय में कुल 23 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन शनिवार को 17 ही उपस्थित हुए थे। उधर, ग्रामीण भी स्कूल में एकत्र हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह के समय पंचायत घर और स्कूल के पास से जाने वाले रास्ते पर तेंदुए का जोड़ा देखा गया था।
पाकबड़ा इलाके में शावकों संग मंडरा रहे आधा दर्जन तेंदुए
मुरादाबाद के पाकबड़ा इलाके में करीब आधा दर्जन से ज्यादा तेंदुए अपने शावकों के साथ घूमकर दहशत फैला रहे हैं, लेकिन वन विभाग इन्हें पकड़वाने के बजाय मूकदर्शक ही बना हुआ है। आरोप है कि वन कर्मी शिकायत पर गांवों के पास पिंजड़ा तो रख देते हैं लेकिन तेंदुए को ललचाने के लिए अंदर मांस नहीं रखते हैं। लिहाजा तेंदुए पिॆंजरों के अंदर घुसते ही नहीं हैं। वन विभाग द्वारा एक पिंजरा गुरैठा गांव में करीब बीस दिन पहले लगाया था लेकिन मांस लटकाया ही नही, लिहाजा पिंजरा खाली है।
गिदौड़ा गांव में भी तेंदुए की पुष्टि लेकिन पिंजरे में नहीं रखा मांस
वन विभाग के अधिकारी शुक्रवार को गिदौड़ा गांव में पहुंचे और गांव में तेंदुओं के होने की पुष्टि करके लौट गए। वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से पिंजरे में एक बकरी को बांधने के लिए कहा, लेकिन तेंदुए की दहशत के चलते ग्रामीण भी इस पिंजरे की ओर नहीं आए हैं।
तेंदुआ पकड़ने को बारीपुर गांव के पास लगाया है पिंजड़ा
तेंदुआ पकड़ने के लिए पिंजरा अब बारीपुर गांव के पास लगाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब वन विभाग ने पिंजरे में मांस ही नहीं लगाया है तो फिर तेंदुआ यहां पर क्यों आएगा। पाकबड़ा, नया मुरादबाद, गिदौड़ा, गुरैठा, बारीपुर, बागड़पुर, आदि समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में तेंदुए ने दहशत फैला रखी है।
नया मुरादाबाद, पाकबड़ा क्षेत्र में भारी दहशत
नया मुरादाबाद और पाकबड़ा में कई स्कूल हैं। तेंदुए की दहशत के कारण नया मुरादाबाद में लोग सुबह को मार्निंग वाॅक पर भी नहीं जा रहे हैं। शुक्रवार की सुबह को वन विभाग के अधिकारी अनुज यादव मौके पर आए। उन्होंने तेंदुए के पंजों के निशान देखे और ग्रामीणों को फरमान सुना गए-गांव में तेंदुआ आया है। पिंजरा उठाकर गांव में लगा लेना।
अकेले नहीं, हथियारों से लैस होकर समूह में खेतों पर जा रहे किसान
गांव निवासी अनंत शर्मा ने बताया कि ग्रामीण तेंदुए की दहशत में खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारी खानापूर्ति करके चले गए हैं। गुरैठा गांव निवासी किरनपाल सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में जब लोग एकत्र हो जाते हैं, तभी खेतों की ओर जा पाते हैं। वन विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।