एफएनएन, देहरादून : सरकार अब हर शिक्षा बोर्ड से 12वीं पास बेटियों को नंदा गौरा योजना का लाभ देने जा रही है जबकि 33 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बेटियों को भी योजना के दायरे में लाए जाने की तैयारी है। बेटियों को इंटरमीडिएट पास के बाद की पढ़ाई जारी रखने का प्रमाण देना होगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है।
प्रदेश में बेटियों के जन्म से लेकर उनके 12वीं तक की पढ़ाई में आर्थिक मदद करने वाली नंदा गौरा योजना में बड़े बदलाव की तैयारी है। योजना के तहत बेटी के जन्म पर सरकार की ओर से 11 हजार रुपये की धनराशि दी जाती है जबकि उत्तराखंड बोर्ड से 12वीं पास बेटियों को 51 हजार रुपये दिए जाते हैं, लेकिन अब उत्तराखंड ही नहीं बल्कि किसी भी बोर्ड से 12वीं पास बेटियों को 51 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। इसके लिए बेटियों को 12वीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखने का कोई प्रमाण देना होगा, जबकि अब तक केवल 12वीं पास का प्रमाण देने वाली बेटियों को योजना का लाभ दिया जाता रहा है।
नंदा गौरा योजना के लिए पात्र बेटियों के माता-पिता का पेन कार्ड लिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का मानदेय योजना के मानक 72 हजार वार्षिक से अधिक है, लेकिन सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को योजना के दायरे में लाने के लिए उन्हें विशेष राहत देने जा रही है।
प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की बेटियों को नंदा गौरा योजना का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार योजना के मानकों में कुछ बदलाव करने जा रही है। इसके अलावा मानकों में कुछ अन्य बदलाव किए जा रहे हैं।