एफएनएन ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने कोलकाता में नवजात शिशु तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक दंपती को गिरफ्तार किया है। गया (बिहार) से चुराई गई दो दिन की बच्ची को हावड़ा स्टेट जनरल अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार दोनों आरोपी अंतरराज्यीय बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह से ताल्लुक रखते हैं। दोनों से पूछताछ जारी है। शिशु तस्करी के तार देश के विभिन्न हिस्सों और पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी जुड़े होने की आशंका है।
बच्चा गोद लेने के बहाने गिरोह तक पहुंची सीआईडी
पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआइडी टीम ने नवजात बच्चों की तस्करी करनेवाले गिरोह के इन दोनों सदस्यों को रविवार को हावड़ा के निकट शालीमार स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है। पकड़े गये आरोपियों के नाम मानिक हाल्दार (38) और मुकुल सरकार (32) बताये गये हैं। इनके कब्जे से दो दिन की एक अबोध बच्ची को भी मुक्त कराया गया है।
कैसे पकड़े गये दोनों?
सीआईडी सूत्रों के मुताबिक, उन्हें एक एनजीओ के जरिए खबर मिली थी कि ठाकुरपुकुर इलाके में रहने वाले एक दंपती को मोटी रकम के बदले मासूम को बेचने के लिए बच्चा तस्कर गिरोह से जुड़े सदस्य रविवार सुबह शालीमार स्टेशन पर आनेवाले हैं। उनके साथ एक शिशु भी होगा। जानकारी के बाद सीआइडी की एंटी ह्यूमन ट्रै्फिकिंग यूनिट (एएचटीयू) की एक टीम रविवार तड़के शालीमार स्टेशन के पास छुप गई। इसी बीच स्टेशन के बाहर एक युवक और युवती काफी हड़बड़ी में दिखे। उनके साथ मात्र दो दिन का एक शिशु भी था। संदेह होने पर उन्हें रोककर शिशु के बारे में जानकारी मांगी। भरोसेमंद जानकारी नहीं देने पर दोनों को पकड़ लिया गया। बाद में थाने लाकर कड़ी पूछताछ की गई तो दोनों टूट गए और कबूल कर लिया कि बिहार के गया से स्थानीय सहयोगियों की मदद से उन्होंने बच्चे को चुराया था।
मोटी रकम लेकर नि:संतान दंपती को बेचते थे बच्चा
सीआईडी अधिकारी ने बताया कि आरोपी ऐसे नि:संतान दंपती ढूंढते थे, जो बच्चे को गोद लेने के इच्छुक हों और बदले में मोटी रकम दे सकें। पिछले साल अगस्त में भी कोलकाता पुलिस ने नवजात शिशुओं की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था।