साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक के 12 किमी हाईस्पीड ट्रैक पर नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल अंतिम चरण में
एफएनएन ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को अगले साल जनवरी से हाईस्पीड नमो भारत ट्रेन में सफर की सुविधा निल सकेगी। गाजियाबाद के साहिबाबाद स्टेशन से पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्टेशन तक नमो भारत ट्रेन का ट्रायल अंतिम चरण में है। यह ट्रायल अक्तूबर के पहले सप्ताह से लगातार चल रहा है।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने अगले साल जनवरी से न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक नमो भारत ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिए जाने का दावा किया है। उन्होने बताया कि फिलहाल सामान्य ट्रायल चल रहा है। कुछ दिन बाद हाईस्पीड ट्रेनों के संचालन का ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद एनसीआरटीसी मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) से प्रमाणीकरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रमाणपत्र मिलने के बाद इस रूट पर यात्रियों के लिए नमो भारत ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि साहिबाबाद-न्यू अशोकनगर सेक्शन पर नमो भारत ट्रेनों का संचालन शुरू कराने के साथ ही आरआरटीएस स्टेशनों, दिल्ली मेट्रो, रेलवे स्टेशनों और आईएसबीटी के एकीकरण का काम भी तेजी से कराया जा रहा है। नए वर्ष की शुरुआत तक इसे हर हाल में पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। न्यू अशोक नगर-साहिबाबाद सेक्शन पर नमो भारत ट्रेनों का संचालन शुरू होने पर न केवल दिल्ली-एनसीआर में यात्रियों के लिए हाईस्पीड रेल कनेक्टिविटी मजबूत होगी बल्कि बसों, ओला-उबर टैक्सियों, ऑटो और निजी वाहनों का उपयोग करने वाले नए लोगों के अपेक्षाकृत अधिक सुविधाजनक-सस्ते हाई स्पीड रेल नेटवर्क से जुड़ने से रेल यात्रियों की मौजूदा तादाद में भी काफी इजाफा हो सकेगा।
12 किमी है साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक की दूरी
दिल्ली से मेरठ तक 82 किमी लंबे रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) का केवल 42 किमी खंड ही गाजियाबाद के साहिबाबाद से मेरठ साउथ स्टेशन तक अभी संचालित है। हाईस्पीड ट्रेनों की सेवा देने वाला यह पूरा कॉरिडोर यूपी में ही है। दिल्ली में न्यू अशोक नगर-साहिबाबाद स्टेशन तक के सेक्शन को जनवरी 2025 में शुरू करने की तैयारी है। साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक की दूरी 12 किमी है। इसमें आनंद विहार और न्यू अशोक नगर स्टेशन आते हैं। अधिकारियों ने बताया कि साहिबाबाद से आनंद विहार और फिर न्यू अशोक नगर के बीच नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल रन अक्तूबर के पहले सप्ताह में ही शुरू हो गया था। अब इसका ट्रायल सराय काले खां तक भी बढ़ाया जाएगा। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि सराय काले खां कॉरिडोर 2025 के मध्य तक ही तैयार हो पाएगा।
आठ लाख से अधिक यात्रियों की मिलेगी हाई स्पीड रेल सेवा
अधिकारियों ने बताया कि करीब 30000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले इस आरआरटीएस कॉरिडोर पर दिल्ली से मेरठ तक की यात्रा सिर्फ एक घंटे में पूरी हो सकेगी। आठ लाख से अधिक यात्री इस सुविधा से लाभान्वित होंगे। वर्तमान में इस खंड पर ट्रैक, सिग्नलिंग, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) और ओवरहेड पावर सप्लाई सिस्टम जैसी विभिन्न प्रणालियों के समन्वय का आकलन करने के लिए मूल्यांकन किया जा रहा है।