

- बड़ा सवाल : भाजपा में यह क्या चल रहा है, मेयर रामपाल सिंह पर अब मंडल अध्यक्ष ने बोला हमला
- फेसबुक पर लिखा, मेरे साहब ! क्या मैं बैठक भी नहीं कर सकता
कंचन वर्मा, रुद्रपुर : भाजपा में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा। कुछ निजी कारणों को लेकर भाजपाई ही मेयर रामपाल सिंह पर लगातार हमले बोल रहे हैं। हालांकि यह पार्टी में गुटबाजी का ही एक हिस्सा है, लेकिन अब उत्तरी मंडल अध्यक्ष राकेश सिंह ने रामपाल सिंह पर हमला बोला है। दरअसल, मामला वार्ड नंबर 11 संजय नगर में आयोजित भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बैठक से जुड़ा है, जिसमें राकेश सिंह ने शक्ति केंद्र संयोजक रोबिन विश्वास से बूथ संख्या 91, 92, 93, 97 एवं 98 के विकास कार्यों संबंधी जानकारी मांगी थी।
इसे विधायक शिव अरोरा और मेयर रामपाल सिंह के साथ चर्चा करने की बात कही गई थी। यह पोस्ट 2 दिन पहले राकेश सिंह ने साझा की, इस बीच कुछ ऐसा हुआ कि अपनी ही पोस्ट पर राकेश सिंह को लिखना पड़ा ‘ क्या मेयर साहब मैं बैठक भी नहीं कर सकता, आप शक्ति केंद्र संयोजक रोबिन विश्वास से यह कहेंगे कि जो बैठक करेगा, वही विकास करेगा, विकास को जनप्रतिनिधि ही करते हैं, मेयर साहब संगठन और जनप्रतिनिधि को अलग-अलग मत करो ‘।
बड़ी बात यह है कि आखिर राकेश सिंह ने रामपाल सिंह को यह नसीहत क्यों दे रहे हैं। आपको बताते चलें कि पहले राजकुमार ठुकराल के विधायक रहते फिर शिव अरोरा के विधायक बनने के बाद लगातार मेयर से एक गुट की अनबन चल रही है। आरोप है कि मेयर अपने चहेतों को विकास संबंधी कार्य बांट रहे हैं, जबकि कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दी जा रही। मेयर के चाहने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने उन्हें चुनाव लड़ाया और इसमें एक कंस्ट्रक्शन कंपनी भी शामिल है। हालांकि मेयर फ्रंट में नहीं रहते, लेकिन पीछे उनके चाहने वाले उनका पूरा लाभ ले रहे हैं
इस संबंध में जब हमने रोबिन विश्वास से बात की तो उनका कहना था कि क्योंकि हमारे वार्ड में कांग्रेस का पार्षद है, ऐसे में वह अपनी समस्या मेयर को नहीं बताएंगे तो किसे बताएंगे। उन्होंने बताया कि मेयर को फोन किया तो उन्होन कहा कि आज के बाद फोन नहीं करना। बैठक करते रहो, जो बैठक करेगा, वही विकास करेगा। इस संबंध में हमने जिला अध्यक्ष विवेक सक्सेना से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
यह आपको बताते चलें कि मेयर रामपाल की छवि ईमानदार नेताओं में होती है, लेकिन कुछ तो है जो आड़ में चल रहा है और कार्यकर्ता इसी को लेकर व्यतीत दिखाई दे रहे हैं। एक नेता ने तो फ्रंट यूज़ नेटवर्क पर यह मैसेज तक भेजा कि क्या चुनाव में मेहनत कर पार्टी को जिताने वाले कार्यकर्ता मूर्ख हैं। वे लोग क्यों मलाई चाटते हैं, जिनका पार्टी से कोई लेना देना ही नहीं।