
एफ़एनएन, अल्मोड़ा : उडल तोक तक आतंक का पर्याय बना आदमखोर गुलदार आखिर 11वें दिन मौत के घाट उतार दिया गया। उसका खात्मा उसी जगह हुआ जहां से यह डेढ़ वर्षीय मासूम को उठा ले गया था। दांत व नाखून टूटा होने से यह माना जा रहा कि बड़े शिकार में अक्षम होने के कारण ही वह आदमखोर बन गया। शिकारियों का निशाना सही गुलदार पर लगा है, इसको लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। मालूम हो कि भैंसियाछाना ब्लॉक के उडल तोक में छह जुलाई की शाम गुलदार घर के बाहर मां की के सामने से बच्चे को उठा ले गया था। मासूम का झाड़ियों के बीच शव बरामद हुआ था। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने अगले ही दिन गुलदार को आदमखोर घोषित करते हुए उसे मारने की अनुमति दे दी थी।
बिजनौर से बुलाए गए थे शूटर
बिजनौर से शार्प शूटर नवाब सैफी आशिफ व अब तक 37 आदमखोरों को ढेर कर चुके जॉय व्हीकल के भाई राजीव सोलोमन ने गुलदार को मारने के लिए कमान संभाली। मचान बनाया गया और लगातार गश्त व गतिविधियों पर नजर रखी गई।गुरुवार शाम गुलदार को ढेर कर दिया गया।
नाखून घिसे हुए थे
छह फुट लंबी व दो फुट ऊंची मादा गुलदार के नाखून घिसे पड़े हैं, उसके आदमखोर होने पर भी अंदेशा है।