एफएनएन, जोशीमठ(चमोली) : चमोली जिले के जोशीमठ में बदरीनाथ हाईवे पर बढ़ रहे भूधंसाव ने आमजन के साथ ही शासन और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। बीते कुछ दिनों में हाईवे पर भूधंसाव तेज हुआ है।
नगर से लगे हाईवे के 12 किमी हिस्से पर लगभग 25 जगह भूधंसाव का असर है। इसमें 10 स्थानों पर सड़क धंस रही है। यह धंसाव दो मीटर से दस मीटर तक की लंबाई में है। तीन जगह भूधंसाव के कारण गड्ढे हो गए हैं। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक स्थानों पर कई छोटी-बड़ी दरारें आई हैं, जिनका दायरा निरंतर बढ़ रहा है।
- मारवाड़ी में 10 से अधिक स्थानों पर दरारें आई
ऋषिकेश से शुरू हुआ बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ शहर के बीच से होते हुए बदरीनाथ धाम और चीन सीमा से लगी माणा घाटी तक जाता है। जोशीमठ में इस हाईवे का करीब 12 किमी भाग पड़ता है। सोमवार को छावनी बाजार क्षेत्र में इस मार्ग पर दो नए गड्ढे देखे गए, जिनकी चौड़ाई दो फीट और गहराई क्रमश: 15 व 20 फीट बताई जा रही है। क्षेत्र में तीन जगह सड़क पर दरारें भी हैं। इसमें से एक स्थान पर सड़क धंस रही है।
यहां हाईवे करीब 500 मीटर क्षेत्र में भूधंसाव से प्रभावित है। इससे पहले मारवाड़ी तिराहे के पास गड्ढा हुआ था। दो फीट चौड़े और करीब छह फीट गहरे इस गड्ढे का दायरा भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा भूधंसाव मारवाड़ी क्षेत्र में है। यहां दो किमी क्षेत्र में 10 से अधिक स्थानों पर दरारें आई हैं। दो स्थानों पर सड़क धंस रही है। इससे पहले जेपी कालोनी से बीआरओ कार्यालय के बीच करीब 500 मीटर के दायरे में चार जगह दरारें आई हैं।
सीमा सुरक्षा संगठन (बीआरओ) दरारों को मिट्टी और मलबे से भरकर हाईवे पर यातायात सुचारु रखने का प्रयास कर रहा है, लेकिन, यह प्रश्न अपनी जगह कायम है कि अभी इस मार्ग से गिने-चुने वाहन ही गुजर रहे हैं, तब यह हाल है।यात्रा सीजन में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी के साथ सीमा क्षेत्र के लिए इस मार्ग से हर रोज पांच हजार से अधिक छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। तब हाईवे यातायात का दबाव कैसे झेल पाएगा। इस सवाल ने चिंता बढ़ाई हुई है।
- दरार और भूधंसाव से सीएचसी जोशीमठ की नई बिल्डिंग बंद
वहीं बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य के एकमात्र बड़े माध्यम सीएचसी जोशीमठ के नए भवन को दरार और भूधंसाव के कारण बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही नए भवन में चल रही ओपीडी और इमरजेंसी समेत अन्य सेवाओं को पुराने भवन में शिफ्ट किया गया है।
उधर, चारधाम यात्रा शुरू होने में कम समय शेष होने का हवाला देते हुए जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने अस्पताल को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के लिए शासन को पत्र लिखा है। साथ ही उद्यान विभाग की 300 नाली भूमि पर प्री फ्रेबिकेटेड भवन बनाने का प्रस्ताव भी रखा है।
सीमांत क्षेत्र से लगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ चारधाम यात्रा के दौरान बदरीनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है।
बदरीनाथ धाम यहां से महज 44 किमी की दूरी पर है। इसके साथ ही आसपास के गांवों के अलावा नीति, मलारी और उर्गम घाटी में स्वास्थ्य सुविधा का एकमात्र जरिया भी है। यहां विकासखंड के दूरस्थ गांवों से लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं।
नृसिंह मंदिर के पास स्थित सीएचसी जोशीमठ के पुराने भवन में आठ कक्ष हैं। यहां व्यवस्थाएं नाकाफी पड़ने के कारण नए भवन का निर्माण कराया गया था। साथ ही नए भवन में ओपीडी, तीन वार्ड, इमरजेंसी, माइनर ओटी, रे़डियोलाजी, चिकित्साधिकारी और चिकित्सकों के कक्ष की व्यवस्था की गई।
लेकिन, 2021 में ही नए भवन में दरारें आने लगी, जो 2022 आते-आते बढ़ती गई। जोशीमठ नगर में आपदा के दौरान नए भवन को पूरी तरह असुरक्षित घोषित करते हुए इस पर ताला लगा दिया गया। वहीं ओपीडी समेत अन्य कक्षों को पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया है।
- गर्भवती महिलाओं और टीकाकरण का एकमात्र जरिया
सामान्य दिनों में सीएचसी जोशीमठ में 100 मरीजों की ओपीडी होती है, जो यात्रा सीजन के दौरान काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखरेख और प्रसव के लिए भी आसपास कोई बड़ा अस्पताल नहीं है।
शिशुओं के टीकाकरण के लिए भी क्षेत्र के लोग सीएचसी जोशीमठ पर निर्भर हैं। वर्तमान में यहां सात चिकित्सकों समेत 50 कर्मचारी तैनात हैं। इसके साथ ही यहां अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के अलावा माइनर ओटी भी है, जहां छोटे-मोटे आपरेशन किए जाते हैं।
नए भवन के कक्षों में दरार आने के चलते वहां चिकित्सा सेवा का संचालन करना खतरे से खाली नहीं था। इसलिए वहां ताला लगाकर सेवाएं पुराने भवन में शिफ्ट हुईं। वहां अपेक्षाकृत कक्ष कम हैं, लेकिन किसी तरह व्यवस्था बनाई जा रही है। विभागीय अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है।
-डा. गौतम कुमार, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सीएचसी जोशीमठ
सीएचसी जोशीमठ को शिफ्ट करने को लेकर विभाग की ओर से पत्र लिखकर शासन को अवगत करा दिया गया है। विभाग की ओर से जमीन भी देखी जा रही है। शासन से मंजूरी मिलते ही उम्मीद है यात्रा से पहले तक अस्पताल को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाएगा।
सीमांत क्षेत्र से लगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ चारधाम यात्रा के दौरान बदरीनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है।
बदरीनाथ धाम यहां से महज 44 किमी की दूरी पर है। इसके साथ ही आसपास के गांवों के अलावा नीति, मलारी और उर्गम घाटी में स्वास्थ्य सुविधा का एकमात्र जरिया भी है। यहां विकासखंड के दूरस्थ गांवों से लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं।
नृसिंह मंदिर के पास स्थित सीएचसी जोशीमठ के पुराने भवन में आठ कक्ष हैं। यहां व्यवस्थाएं नाकाफी पड़ने के कारण नए भवन का निर्माण कराया गया था। साथ ही नए भवन में ओपीडी, तीन वार्ड, इमरजेंसी, माइनर ओटी, रे़डियोलाजी, चिकित्साधिकारी और चिकित्सकों के कक्ष की व्यवस्था की गई।
लेकिन, 2021 में ही नए भवन में दरारें आने लगी, जो 2022 आते-आते बढ़ती गई। जोशीमठ नगर में आपदा के दौरान नए भवन को पूरी तरह असुरक्षित घोषित करते हुए इस पर ताला लगा दिया गया। वहीं ओपीडी समेत अन्य कक्षों को पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया है।