एफएनएन, हरिद्वार : श्रावण मास का आरंभ होते ही धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ मेला का विधिवित् आरंभ हो गया। हालांकि गंगा जल लेने एक सप्ताह पहले से ही कांवड़ यात्रियों का यहां आना आरंभ हो गया था। क्षावण मास के पहले दिन दूर-दराज से आए एक लाख दस हजार कांवड़ यात्रियों ने गंगा पूजन के बाद बम-बम भोले के जयकारों के बीच गंगा जल भर कांवड़ उठाई और लंबे-लंबे डग भरते हुए अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हुए।
इन दिनों हरकी पैड़ी समेत तमाम घाटों पर भगवा वस्त्र धारी कांवड़िए ही नजर आ रहे हैं। पहले दिन पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से आए पैदल कांवड़िए गंगा जल लेकर अपने गंतव्यों के लिए रवाना हुए। कांवड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस और प्रशासन की और व्यापक इंतजाम किए गए हैं। गंगाजल लेकर वापसी कर रहे कांवड़ियों को नहर पटरी मार्ग से भेजा जा रहा है।
- कांवड़ियों को मिलेंगी ये सुविधा
मार्ग पर बिजली, पानी और शौचालय की व्यवस्था कराई गई है। पटरी मार्ग पर कांवड़ियों की सुविधा के लिए पेयजल, पथ प्रकाश, स्वास्थ्य शिविर आदि के इंतजाम किए गए हैं। शुरूआती दौर में ही हजारों शिवभक्त हरिद्वार पहुंच गए हैं। ट्रेनों व बसों से लगातार कांवड़िएं हरिद्वार पहुंच रहे हैं। इसके अलावा निजी वाहनों से भी कांवड़ियों का पहुंचना लगातार जारी है। शुरूआती दौर में पैदल कांवड़िएं वापसी करेंगे। इसके बाद अंतिम दौर में डाक कांवड़ियों की वापसी होगी।
- वृद्धजनों की सहायता में जुटी पुलिस
वृद्ध महिला की पुलिसकर्मियों ने की सहायता कांवड़ मेले में पुलिस के जवान घाटों व मंदिरों में वृद्धजनों की सहायता करने में जुटे हैं। चंडी देवी मंदिर में डयूटी पर तैनात कांस्टेबल निर्देश शाह ने मंदिर में दर्शन करने आयी वृद्ध महिला की सहायता करते हुए हाथ पकड़कर मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़ने में सहायता की और दर्शन के पश्चात वापस नीचे भी उतारा। वृद्ध महिला ने निर्देश शाह व अन्य सभी पुलिसकर्मियों का आभार जताते हुए आशीर्वाद दिया।
- आस्था व भक्ति का दिखा रंग
कांवड़ मेले के दौरान आस्था व भक्ति के तरह तरह रंग दिख रहे हैं। कोई शिवभक्त दंडौती कांवड़ लेकर वापसी कर रहा है तो कोई श्रवण कुमार के चरित्र को सार्थक करते हुए माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर यात्रा कर रहा है। मेरठ से आए सचिन कश्यप अपने दादा-दादी को कांवड़ में बैठाकर यात्रा कर रहे हैं। मेरठ के परथा गांव के सचिन कश्यप ने बताया कि दादा-दादी की हरिद्वार आकर गंगा स्नान करने की इच्छा थी।
दादा-दादी की इच्छा को पूर्ण करते हुए वे उन्हें हरिद्वार लेकर आए और गंगा स्नान कराया। गंगा स्नान के पश्चात उन्हें कांवड़ में बैठाकर और गंगा जल लेकर वापस लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि त्रयोदशी को गांव पहुंचकर शिवालय में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे।