मुंबई-अहमदाबाद कारिडोर पर 2027 में बुलेट ट्रेन चलाने का है मोदी सरकार का लक्ष्य
लेकिन ट्रेन सेट्स, सिग्नेलिंग सिस्टम की खरीद अपनी कंपनियों से ही कराने पर अड़ा जापान
एफएनएन ब्यूरो,नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलेट ट्रेन के ड्रीम प्रोजेक्ट का वर्ष 2027 में भारती़य रेलवे ट्रैक्स पर उतर पाना दिख रहा है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काफी काम हो भी चुका है लेकिन 2027 से पहले इन ट्रेनों की आपूर्ति को लेकर जापान और भारत के बीच अभी भी कई मुद्दों पर गतिरोध बने हुए हैं।
रेलवे के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अगुवाई में अधिकारियों की एक टीम हाल ही में तीन दिन के दौरे पर जापान गई थी। इस दौरान इन ट्रेनों की खरीद को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा भी हुई। सूत्र बताते हैं कि जापान इस प्रोजेक्ट के लिए ट्रेन सेट्स और सिग्नेलिंग सिस्टम की खरीददारी जापानी कंपनियों से करने की मांग पर अड़ा हुआ है। इसके अलावा प्रोजेक्ट की कुल लागत और इसकी समयावधि (टाइमिंग) को लेकर भी दोनों पक्षों में मतभेद है। मोदी सरकार ने वर्ष 2027 में मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा है।
रेल मंत्री वैष्णव के साथ रेलवे बोर्ड के मेंबर (इन्फ्रास्ट्रक्चर) अनिल कुमार खंडेलवाल, और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी विवेक कुमार गुप्ता भी जापान गए थे। प्रधानमंत्री मोदी इस साल के आखिर में सालाना शिखर सम्मेलन में टोक्यो जाएंगे। 508 किमी लंबे बुलेट प्रोजेक्ट के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण के बाद 215 किमी वायडक्ट का काम भी पूरा हो चुका है। लेकिन रोलिंग स्टॉक यानी ट्रेन सेट्स और सिग्नेलिंग सिस्टम सप्लाई कॉस्ट को लेकर भारत और जापान के बीच गतिरोध खत्म करने बाकी हैं।
जापान इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए भारत को हर तरह की टेक्निकल सपोर्ट और टेक्नोलॉजी मुहैया करा रहा है लेकिन उसकी शर्त है कि सिग्नेलिंग सिस्टम और ट्रेन सेट्स भी जापानी कंपनियों से ही खरीदे जाने चाहिए। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी की लोन शर्तों के मुताबिक केवल जापानी कंपनियां जैसे कावासाकी और हिताची ही बिड में हिस्सा ले सकती हैं। प्रोजेक्ट की बढ़ती लागत पर भी सहमति नहीं बन पा रही है। इसके लिए कुल बजट 1.08 लाख करोड़ रुपये का है लेकिन उसमें से 60,372 करोड़ रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं।
कुल प्रस्तावित बजट का अधिकांश हिस्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में खर्च भी हो चुका है। जाहिर है कि प्रोजेक्ट की वास्तविक लागत काफी बढ़ सकती है। द शिंकानसन टेक्नोलॉजी पर आधारित बुलेट ट्रेन को जापान में 60 साल पहले 1 अक्टूबर, 1964 को शुरू किया गया था। यह ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद की दूरी करीब तीन घंटे में पूरी करेगी। इस साल की शुरुआत में वैष्णव ने दावा किया था कि सूरत से बिलिमोरा के बीच बुलेट ट्रेन 2026 में शुरू होगी लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह डेडलाइन और आगे जा सकती है।