बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर बोले सनातन बोर्ड का आंदोलन चला रहे देवकीनंदन ठाकुर
एफएनएन ब्यूरो, प्रयागराज/महाकुम्भ नगर। प्रयागराज महाकुम्भनगर में चतुर्थ सनातन धर्म संसद में केंद्रीय सनातन बोर्ड के गठन को लेकर देश और दुनिया भर के हिन्दुओं-सनातनियों का जागरण कर उन्हें एकजुट करने के भगीरथ अभियान में जुटे प्रख्यात धर्मगुरु-कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि जब कोई अभिनेत्री संत बनती है, तो समाज उसकी प्रशंसा करता है। लेकिन जब संत कथा कहते हैं, तो लोग उनकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। यह समाज की भक्ति और अध्यात्म के प्रति सतही सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “धर्म का नियंत्रण और संचालन वास्तविक धर्माचार्यों के माध्यम से ही होना चाहिए। ग्लैमर की चकाचौंध से कुछ देर के लिए समाज को प्रभावित कर देने वाले कथित धर्माचार्यों के हाथों में इसे नहीं थमा देना चाहिए जो धर्म, अध्यात्म को सही से समझ ही नहीं पाए हैं।”
‘सनातनियों की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड का गठन ही अंतिम विकल्प’
सनातम धर्म संसद में शान्ति दूत और क्रांति दूत की उपाधि से विभूषित हो चुके देवकीनन्दन ठाकुर ने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म और मंदिरों की अस्तित्व रक्षा और सुरक्षा के लिए केंद्रीय सनातन बोर्ड का तत्काल गठन बेहद ही जरूरी है और यही अंतिम विकल्प है। इसके लिए महाकुम्भनगर के सेक्टर-17 स्थित शांति सेवा शिविर में चल रही सनातन धर्म संसद में आज मंगलवार 27 जनवरी को ज्यादा से ज्यादा हिंदुओं और सनातनियों को भाग लेकर अपना सहयोग और समर्थन देना ही चाहिए।” कहा-जब तक सभी सनातनी सनातन बोर्ड की मांग पर एकजुट होकर सरकार और राजनीतिक दलों को अपनी ताकत नहीं दिखाएंगे, तब तक सनातन बोर्ड बन पाना संभव ही नहीं है।”
भक्ति-श्रद्धा को प्रभावित करता है मोबाइल फोन का अंधाधुंध प्रयोग
मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग मनुष्यों की भक्ति और श्रद्धा को प्रभावित करता है। इसलिए इसका प्रयोग कम और सावधानी से करना चाहिए।”
अन्नदान को बताया सबसे बड़ा दान
देवकीनंदन ठाकुर ने चेतावनी दी कि अगर धर्म का सही मार्गदर्शन नहीं हुआ, तो समाज और देश दोनों को गंभीर नुकसान हो सकता है। उन्होंने अन्नदान को सबसे बड़ा दान बताया और कहा कि भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कभी भी ब्राह्मण और गाय की हत्या नहीं करनी चाहिए।
फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी पर चढ़ा सनातन रंग, महाकुम्भ में लिया संन्यास, बनीं महामंडलेश्वर
प्रयागराज/महाकुम्भ नगर: इससे पहले बीते शुक्रवार को बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी प्रयागराज महाकुम्भ पहुंचीं और संगम में आस्था की डुबकी लगाने को बाद गृहस्थ जीवन त्यागकर संन्यास ले लिया। ममता कुलकर्णी ने कई बड़ी हिन्दी फिल्मों में एक्टिंग की है।
महाकुम्भ में किन्नर अखाड़े में ममता कुलकर्णी का पहले संन्यास हुआ और फिर उसी अखाड़े में उन्हें नया नाम मिला माई ममता नंद गिरी। किन्नर अखाड़े ने ममता का पिंडदान कराने के बाद महामंडलेश्वर पद पर उनका पट्टाभिषेक भी कर दिया।
ममता कुलकर्णी ने इससे पहले महाकुम्भ में किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। बाद में अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी से भी मिलीं।
23 साल पहले ही दीक्षा ले चुकी हूं
संन्यास और पट्टाभिषेक के बाद साध्वी वेश में ममता बोलीं, “मेरा सौभाग्य है कि महाकुम्भ की इस पवित्र बेला की साक्षी बनकर संतों का आशीर्वाद प्राप्त करना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है।” बताया, ” वैसे मैं 23 साल पहले ही कुपोली आश्रम में गुरु श्री चैतन्य गगन गिरी से दीक्षा ले चुकी हूं। अब पूरी तरह संन्यास जीवन में प्रवेश कर रही हैं।