
एफएनएन, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को स्वीकृति दी. इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकता, पैदावार का प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है.
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए वैष्णव ने कहा, “आज कैबिनेट बैठक में तीन बड़े फैसले लिए गए. पुणे मेट्रो विस्तार के लिए 3626 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी गई है. दूसरा, झारखंड के धनबाद में झरिया भूमिगत आग का बहुत पुराना मुद्दा है, इसके लिए 5,940 करोड़ रुपये का संशोधित मास्टर प्लान मंजूर किया गया. तीसरा, आगरा में 111 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र स्थापित किया जाएगा.”

भारत में आलू क्षेत्र में उत्पादन क्षेत्र, प्रसंस्करण क्षेत्र, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन, मूल्य श्रृंखला आदि में महत्वपूर्ण रोजगार अवसरों के सृजन की क्षमता है. इसलिए, इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का दोहन करने और उनका पता लगाने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में स्थापित किया जा रहा है. सीएसएआरसी द्वारा विकसित आलू और शकरकंद की उच्च उपज प्रदाता, पोषक तत्वयुक्त और जलवायु अनुकूल किस्में न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर विज्ञान और नवाचार के माध्यम से दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी आलू और शकरकंद क्षेत्रों के सतत विकास को महत्वपूर्ण रूप से गति प्रदान करेंगी.
पुनर्वास के लिए संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने झारखंड के कोयला क्षेत्र झरिया में भूमिगत आग से निपटने और प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) को मंजूरी दी. नए मास्टर प्लान में क्षेत्र के प्रभावित परिवारों के लिए सतत आजीविका सृजन पर विशेष जोर दिया गया है. इसके तहत लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे और पुनर्वास किए जाने वाले परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए आय और रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे.
