
एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा है कि प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों के मुख्य द्वार पर आरटीई नियमों को बोर्ड लगेंगे। उन्होंने बताया कि आरटीई के बोर्ड में आरक्षित सीटों की कुल संख्या और दाखिला पाने वाले बच्चों की संख्या का जिक्र किया जाएगा। आयोग ने इसके अलावा सभी निजी स्कूलों को पीटीए गठन के निर्देश दिए हैं।
आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि पीटीए के गठन के दौरान यह भी देखा जाए कि कही पीटीए में स्कूल प्रबंधन के रिश्तेदार तो शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से अपना दृष्टि पत्र भी जारी किया गया है जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने की योजना बताई गई है।
उन्होंने कहा कि स्कूलों और कोचिंग संस्थानों पर कड़ी निगरानी की जाएगी। लड़कियों की सुरक्षा, स्वतंत्रता और सशक्तीकरण के लिए पांचवीं से आठवीं कक्षा तक की लड़कियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। सभी बालक-बालिकाओं को जीवन कौशल प्रशिक्षण के लिए परामर्श दिया जाएगा।
बच्चों में बढ़ती नशावृत्ति की रोकथाम एवं पुनर्वास के क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अलावा समस्त सार्वजनिक स्थलों पर बच्चों के मनोरंजन के लिए बाल मित्र कॉर्नर तैयार किए जाएंगे। इस दौरान आयोग के सदस्य विनोद कपरुवाण, सदस्य दीपक गुलाटी, रोशनी सती आदि मौजूद रहे। बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि देहरादून में 27 अप्रैल को पोक्सो पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी।