एफएनएन, कानपुर: आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के आरोपी पांच लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे की मदद करने के आरोप में बुधवार को दो पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चौबेपुर पुलिस स्टेशन के निलंबित एसओ विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा शर्मा शामिल हैं। विनय तिवारी से एसटीएफ की पूछताछ चल रही थी जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। विनय तिवारी पर घटना वाले दिन पुलिस के बारे मे मुखबिरी करने का शक था। जिस वजह से उनको गिरफ्तार किया गया है। विनय तिवारी के अलावा तत्कालीन बीट प्रभारी केके शर्मा से भी पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद उनको भी गिरफ्तार कर लिया गया । केके शर्मा पर भी मुखबिरी का आरोप है। इधर पुलिस टीम विकास दुबे के मददगारों के कॉल डिटेल खंगाल रही है। इस मामले में पूरे चैबेपुर थाने को लाइन हाजिर किया जा चुका है।
विनय तिवारी पर क्यों टिकी शक की सुई
गौरतलब है कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का कथित लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने चैबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और बदमाश विकास दुबे के बीच मिलीभगत की शिकायत तत्कालीन एसएसपी अनंत देव से की थी। शहीद सीओ के वायरल लेटर के सामने आने के बाद इसलिए मुखबिरी के शक की सबसे पहले सुई एसओ विनय तिवारी पर गई थी। जब पुलिस टीम बिकरू जा रही थी, तभी एसओ विनय तिवारी ने फोन करके लाईट कटवायी थी।
शहीद सीओ ने किया था आगाह
शहीद सीओ ने अपने खत में लिखा था कि विकास दुबे पर 150 संगीन मुकदमे दर्ज हैं। साफ-साफ लिखा था कि थानाध्यक्ष विनय तिवारी का विकास दुबे के पास आना-जाना और बातचीत बनी हुई है। इतना ही नहीं सीओ ने चार महीने पहले ही आगाह कर दिया था कि अगर थानाध्यक्ष अपने काम करने के तरीके नहीं बदलते तो गंभीर घटना घट सकती है।