एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक आफत की बारिश जारी है। मसूरी में पूरी रात हुई मूसलाधार बारिश से कैंपटी फाल ने विकराल रूप ले लिया है। इसे देखते हुए पुलिस ने फाल के आस-पास के दुकानों को खाली करवाया है। इसके साथ ही पर्यटकों को कैंपटी फाल पर जाने से फिलहाल रोक दिया गया है। प्रदेश में अन्य नदी-नाले भी उफान पर हैं। वहीं, गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह भूस्खलन होने से अवरुद्ध हो गया है। दून में रात से ही समेत कई हिस्सों में तेज बारिश हो रही है। सड़कें तालाब बन गई है, जिससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 31 जुलाई तक मौसम के मिजाज में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। विभाग ने 28 और 29 जुलाई के लिए देहरादून और नैनीताल समेत सात जिलों के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है।
मसूरी-देहरादून हाईवे रहा बाधित
मसूरी-देहरादून हाईवे गलोगी धार और शिव मंदिर-मैगी पॉइंट में बीच यातायात के लिए कई घंटों सड़क पर मलबा आने से बंद रहा। पीडबल्यूडी के जेई पुष्पेंद्र ने बताया कि लगभग नौ बजे यातायात के लिए खोल दिया है। सड़क बंद होने से मसूरी को दूध सप्लाई वाहन 10 बजे पहुंच पाए।
सौंग में उफान से दहशत में ग्रामीण
दून घाटी व पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिस से नदी नाले उफान पर हैं। सौंग नदीं का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए तटवर्ती क्षेत्र गौहरीमाफी व साहब नगर गांव के लोग दहशत में हैं। बीते दिनों सौंग नदी में आए उफान से साहबनगर व गौहरीमाफी में अस्थायी बाढ़ सुरक्षा कार्य पहले ही ध्वस्त हो चुके हैं। ऐसे में अब नदी का रुख गांव की तरफ मुड़ गया है। कई तारजाल क्षतिग्रस्त हुए हैं और इन जगहों से बाढ़ के पानी का गांव में घुसने का खतरा बना हुआ है।
टिहरी फार्म एक नंबर में कई जगहों पर भूमि कटाव हो रहा है। साहबनगर व गौहरीमाफी बाढ़ के लिहाज से अति संवेदनशील है, यहां सौंग नदी हर साल व्यापक तबाही मचाती है। साहबनगर के ग्राम प्रधान ध्यान सिंह असवाल ने बताया कि उफान से बाबा रामदेव के आश्रम की जमीन में तेजी से कटाव शुरू हो गया है। वहीं श्यामपुर में ग्वेला नाला उफान पर है जिससे नाले के दूसरी तरफ बसे 35 परिवारों के आवागमन का मार्ग बाधित हो गया है। उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है।
बारिश का सिलसिला जारी
प्रदेश में शनिवार से जारी बारिश का सिलसिला मंगलवार सुबह तक जारी रहा। हालांकि इसके बाद पहाड़ से लेकर मैदान तक आसमान में बादलों का डेरा रहा, लेकिन बारिश थमी रही। इससे आम जन ने भी राहत की सांस ली है। पहाड़ों में जगह-जगह मलबा आने से सड़कें बंद होने के चलते आवश्वयक सामाग्री की आपूर्ति भी बाधित हुई है। प्रदेश में करीब तीन सौ गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। कुमाऊं में भी हालात गढ़वाल मंडल की तरह ही हैं। चम्पावत जिले में टनकपुर-चम्पावत हाईवे चौथे दिन भी बंद रहा। पिथौरागढ़ जिले का उच्च हिमालयी दारमा मार्ग 41 दिन से बंद है। इससे तीन दर्जन गांव अलग-थलग पड़े हैं।
देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार और गुरुवार को प्रदेश में देहरादून और नैनीताल के अलावा उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी से भारी बारिश हो सकती है। वहीं शुक्रवार और शनिवार को कुमाऊं के नैनीताल, चम्पावत और पिथौरागढ़ में भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने एडवाइजरी जारी कर इन दिनों में नदी किनारे की बस्तियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।