Saturday, June 14, 2025
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15 दिन में हार्ट अटैक से 12 मौतें, जहरीले जल पर शक, दहशत में लोग

एफएनएन, बागपत: जनपद का रमाला थानाक्षेत्र, बूढ़पुर गांव जहां 15 दिन में 12 लोगों की हार्टअटैक से मौत हो गई। किसी की सुबह को टहलते हुए सीने में दर्द होने के बाद मौत हुई तो कोई खेत में कार्य करते हुए और घर में सोते हुए मर गया।

मृतकों में अधिकतर की उम्र 50-55 साल के बीच है। गांव के लोग वहां से गुजर रहे नाले के दूषित व बदबूदार पानी को इसका कारण मानते हुए जांच की मांग कर रहे हैं। बूढ़पुर गांव की आबादी करीब आठ हजार है। यहां पिछले 15 दिन में जिस तरह से 12 लोगों की मौत हुई है, इससे लोगों में डर पैदा होता जा रहा है।

लोगों का मानना है कि गांव से नाला गुजरता है और इसमें दूषित व बदबूदार पानी रहता है। शुगर मिल का रसायन युक्त पानी भी इस नाले में डाला जाता है। इससे यहां का भूजल भी दूषित हो गया और गांव के लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इस समय स्थिति ज्यादा खराब है। लोग इस कारण ही गांव में हार्ट अटैक से ज्यादा मौत होने की बात कह रहे हैं।

गांव में लोगों ने बैठक करके स्वास्थ्य विभाग से शिविर लगाकर जांच कराने और प्रशासन से पानी की समस्या का समाधान कराने की मांग की। वहीं चिकित्सक गांव में हार्टअटैक से मौत का कारण खानपान के साथ ही गर्मी भी मानते हैं, मगर वहां जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होने की बात कह रहे हैं।

अब तक इनकी हुई मौत, कोई टहलते हुए तो किसी ने खेत में काम करते हुए दम तोड़ा
यशवीर उर्फ बिल्लू (52) खेती करते थे। वह खेत में सिंचाई करने गए थे। अचानक बेहोश होकर गिर गए और मौत हो गई।
-पप्पी शर्मा (53) सुबह गांव के बाहर टहलने गए थे। सीने में तेज दर्द हुआ और थोड़ी देर बाद ही उनकी मौत हो गई।
-सतीश कुमार (54) खेती करते थे। वह सुबह को अपनी पत्नी के साथ नहर की पटरी पर टहलने गए थे। टहलते हुए उनको चक्कर आए और वह बैठ गए मगर तभी उनकी मौत हो गई।
-प्रमोद (50) खेती करते थे। खेत में काम करते समय उनके सीने में तेज दर्द हुआ और वह पीछे गिर गया। परिजन उनको चिकित्सक के पास ले गए, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया।
-खिलारी (55) नाले के पास टहलने गया था। अचानक सड़क पर गिर पड़ा। परिजनों ने चिकित्सकों को दिखाया तो चिकित्सक ने हार्टअटैक से मौत होने की बात बताई।
-बिजेंद्र पुत्र लक्ष्मण सिंह (52) दोपहर में घर पर ही बैठे हुए थे। अचानक सीने में तेज दर्द हुआ और उनकी मौत हो गई।
-विनोद (55) खेती करते थे। वह रात में सोए थे और सुबह को नहीं उठे तो परिजनों ने उनको उठाने का प्रयास किया, मगर वह मृत मिले। परिजनों ने हार्टअटैक से मौत होने की बात कही।
-रफीक (55) गांव में रहकर मजदूरी करते थे। दोपहर को खाना खाते समय अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। परिजन उनको चिकित्सक के पास लेकर जाने लगे, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई।
-बिजेंद्र (56) खेती करते थे। पशुओं के लिए चारा लाते समय अचानक सीने में दर्द हुआ और उनकी मौत हो गई।
-शफीक (62) गांव में रहकर मजदूरी करते थे। राजमिस्त्री के पास मजदूरी करते समय सीने में तेज दर्द हुआ और उनकी मौत हो गई।
-सिरिया (55) मजदूरी करते थे। शाम को खाना खाने के बाद पानी पीने लगे तो सीने में तेज दर्द हुआ और थोड़ी देर में ही मौत हो गई।
-पूर्व प्रधान राजबीर सिंह (62) सुबह जब गांव में नहर की पटरी पर टहलने के लिए घर से निकले तो अचानक उनके सीने में दर्द हुआ। नहर पटरी पर उनकी मौत हो गई।
इस समय गांव में स्थिति ज्यादा खराब है। पिछले कुछ दिनों से हार्टअटैक से लगातार मौत हो रही है। इससे डर बढ़ता जा रहा है। प्रशासन को गांव में जांच करानी चाहिए और नाले के दूषित पानी की समस्या का समाधान कराया जाना चाहिए। अगर इस समस्या का समाधान होता है तो बीमारियां काफी कम हो सकती हैं। -नवीन तोमर

गांव में बीमारियां पिछले कुछ समय से ज्यादा फैल रही हैं। इस पर किसी का ध्यान नहीं है, मगर पिछले कुछ दिनों से गांव में बीमारियां बढ़ी हैं तो हार्टअटैक से मौत भी लगातार हो रही है। नाले के रसायन युक्त पानी के कारण यह समस्या है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को गांव में जांच करानी चाहिए। -विकास तोमर

गांव के लिए काफी समय से पानी की बड़ी समस्या है। यहां का भूजल दूषित होता जा रहा है और वह बीमारियों का कारण बन रहा है। अब गर्मी में स्थिति ज्यादा खराब हो रही है और लोगों की मौत अचानक से काफी ज्यादा हो रही है। -लोकेंद्र सिंह

यहां पिछले 15 दिन में 12 लोगों की हार्टअटैक से मौत हो गई है। मौत का सिलसिला अभी नहीं थम रहा है। इसके अलावा बीमारियों की चपेट में लोग काफी आ रहे हैं। इसका कारण नाले का दूषित पानी माना जा रहा है। इस समस्या का जल्द समाधान होना चाहिए। -सुरेंद्र सिंह, पूर्व प्रधान

इस तरह करें बचाव
-रोजाना ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें।
-नियमित व्यायाम करें।
– धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
– रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें।
– तनाव प्रबंधन करें।
– वजन को नियंत्रित रखें।
– डायबिटीज को नियंत्रित करें।
– पानी, जूस व तरल पदार्थ पीते रहें।
– धूप व लू से बचना चाहिए।
– कपड़ा ओड़कर रखना चाहिए।
खानपान व गर्मी दोनों के कारण हो सकता है हार्टअटैक
जिला अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि अधिक गर्मी हृदय रोगी के लिए खतरा है। जिन व्यक्तियों को पुरानी बीमारी है, उनकी अधिक गर्मी होने पर जांच करानी चाहिए ताकि समय रहते उसका उपचार किया जा सके।

बताया कि गर्मी में तला-भुना, फास्ट फूड आदि का सेवन करने से इन गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। पानी भी ज्यादा पीना चाहिए, मगर दूषित पानी समस्या कर सकता है। हृदय रोगों के खतरे से बचे रहने के लिए चिकनाई वाली चीजों और तेल की मात्रा को कम करना चाहिए।

गर्मी में बढ़ जाता है हार्टअटैक का खतरा

वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मयंक गोयल कहते हैं कि हार्टअटैक के कई कारण होते हैं। इसके लिए पारिवारिक पृष्ठभूमि को देखा जाता है कि परिवार में पहले किसी को हार्टअटैक हुआ है या नहीं।

अगर किसी को परिवार में पहले यह समस्या हुई है तो उसको नियमित जांच जरूरी करानी चाहिए। इसके अलावा गर्मी में खून में तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है और इसमें भी प्रोटीन सबसे अहम होता है। इससे ब्लॉकेज होने के कारण हार्टअटैक हो जाता है। इसलिए ही कहा जाता है कि जिस तरह से गर्मी काफी हो रही है, उसमें पानी व अन्य तरल पदार्थ ज्यादा लेने चाहिए। इसके साथ ही नियमित जांच करानी चाहिए।

बूढ़पुर में हार्टअटैक से इतनी मौत होने की जानकारी नहीं है। वहां टीम को भेजकर जांच कराई जाएगी और उसके बाद ही सही स्थिति के बारे में बताया जा सकता है। -डॉ. तीरथलाल, सीएमओ 

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