एफएनएन ब्यूरो, बरेली। 25 वर्ष पहले अघोषित रूप से बंद की गई रबड़ फैक्ट्री की फतेहगंज पश्चिमी कस्बे के पास लखनऊ-बरेली-दिल्ली फोरलेन हाईवे पर ब्राडगेज रेलवे ट्रैक से सटी 1382 एकड़ बेशकीमती जमीन की वापसी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उच्च न्यायालय मुंबई और डीआरटी (ऋण वसूली न्यायाधिकरण) में अलग-अलग वाद दायर कराने की तैयारियां इन दिनों युद्धय्तर पर चल रही हैं। सब कुछ ठीक कहा तो इसी माह जनवरी में दोनों जगह केस दायर कराया जा सकता है। जिला प्रशासन ने मुंबई के अधिवक्ताओं की ओर से कई बिंदुओं पर मांगी गई रिपोर्ट यूपीसीडा के क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दी है।
यिर्फ इतना ही नहीं, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा द्वारा भी बगैर देरी किए यह अति महत्वपूर्ण रिपोर्ट सभी जरूरी दस्तावेजों और सुबूतों के साथ मुम्बई के संबंधित अधिवक्ताओं को भेज भी दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार और यूपीसीडा के भरोसेमंद सूत्रों का दावा है कि अनुसार संबंधित न्यायालयों में वाद दर्ज करवाने से पहले इन बहुत बड़े अधिवक्ताओं ने केस से जुड़े छोटे से छोटे प्वाइंट को बहुत बारीकी से समझा और एक ऐसी पुख्ता और मुकम्मल रिपोर्ट तैयार की है, जिसके आधार पर दोनों बड़ी अदालतों में पूरी मजबूती से उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष को पेश किया जा सके और पूरी 1382 एकड़ भूमि इन दोनों कोर्ट्स के आदेश से उत्तर प्रदेश सरकार को वापस दिलवाई जा सके। चतुर अधिवक्ता जनवरी में ही वाद दर्ज करवाकर दोनों अदालतों में अकाटय सबूतों और दस्तावेज की बदौलत शुरुआत से ही यूपी सरकार को विपक्षियों से बहुत आगे और बड़ी जीत की राह पर आगे बढ़ाने की पटकथा लिखने को बेताव दिख रहे हैं।