एफएनएन, पिथौरागढ़ : पाल राजवंश की राजधानी रहे अस्कोट क्षेत्र की धरती से सोना बाहर निकाले जाने की कवायद शुरू हो गई है। उत्तराखंड सरकार ने हैदराबाद की कंपनी से टाइअप कर लिया है। केंद्र सरकार ने प्रस्ताव के विस्तार की स्वीकृति का इंतजार है।
डीडीहाट क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने सोमवार को पिथौरागढ़ में मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व में कराये गये भूगर्भीय सर्वेक्षण में अस्कोट से जौलजीबी और ओगला से भागीचौरा तक करीब 15 किमी. क्षेत्र के भूगर्भ में सोना, तांबा, जस्ता और शीशा होने की पुष्टि हो चुकी है।कनाडा की कंपनी ने भी किया था सर्वे
बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि धरती के गर्भ से सोना निकाले जाने के लिए पूर्व में कनाडा की कंपनी गोल्ड माइन से समझौता हुआ था। कंपनी ने क्षेत्र में कई सुरंग तैयार कर सर्वे पूरा कर लिया था, इस बीच अस्कोट अभ्यारण्य का पेंच फंस गया। जिसके चलते कंपनी को अपना काम समेटना पड़ा।
- हैदराबाद की कंपनी के साथ हुआ करार
बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि अस्कोट अभ्यारण्य का पेंच हटने के बाद हैदराबाद की एक कंपनी ने सोना निकालने में रूचि दिखाई है। कंपनी के साथ करार हो चुका है। पूर्व में सोना, जस्ता, शीशा आदि खनिज निकालने के लिए जो लीज स्वीकृत हुई थी उसके विस्तार का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है, जल्द ही इसे स्वीकृति मिल जाने की उम्मीद है। खनन कार्य शुरू होते ही क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आयेगा।
- आने वाला समय पिथौरागढ़ का होगा
पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि आने वाला समय पिथौरागढ़ जनपद को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलास और ऊं पर्वत पहुंचने के बाद अब बड़ी तादात में पर्यटक यहां पहुंचने लगे हैं। गढ़वाल में चार धाम यात्रा से जिस तरह हरिद्धार से बद्रीनाथ, केदारनाथ तक के लोगों को फायदा मिला है, उसी तरह आदि कैलास से पूरे जनपद के लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि तवाघाट- लिपुलेख सड़क को बेहतर बनाने के लिए कार्ययोजना बन रही है।