एफएनएन, हल्द्वानी: मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है, लेकिन कुमाऊं की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गौला नदी के भू कटाव वाले क्षेत्र में अभी तक तटबंध नहीं बने हैं. वहीं गौला नदी का चैनलाइज नहीं होने से कई गांवों को खतरा पैदा हो सकता है.
जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मानसून से पहले नदी में बनने वाले तटबंध के कार्य को पूरा करें. साथ ही नदी के बीचो-बीच चैनेलाइज का काम किया जाए, जिससे बरसात के दौरान नदी से ग्रामीण इलाकों को खतरा न हो. डीएम ने कहा कि बाद संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए बरसात से पूर्व गौला नदी के भू-कटाव प्रभावित क्षेत्रों में चैनलाइज करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि नदी के कुछ हिस्सों में तटबंध का कार्य पूरा हो गया है, जबकि कुछ जगह पर अभी कार्य चल रहा है,जहां कार्यदायी संस्था को जल्द से जल्द कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए गौला नदी का चैनेलाइज करना बहुत जरूरी है. बरसात के समय नदी में भारी मात्रा में पानी आने से कई गांवों को खतरा हो सकता है जिसको देखते हुए नदी में तुरंत चैनेलाइज करने के निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि पिछले साल मानसून में नदी चैनेलाइज नहीं होने से ग्रामीण इलाकों के कई ग्रामीणों के खेतों और मकान को नुकसान पहुंचा था. जिसका आज भी ग्रामीण दंश झेल रहे हैं. ग्रामीण कई बार नदी किनारे तटबंध बनाने और चैनेलाइज करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं.
डीएम ने कहा कि उन्होंने गौला नदी का स्थलीय निरीक्षण भी किया है, जहां पाया कि कुछ जगहों पर तटबंध का कार्य अधूरा है. इसके अलावा पिछले साल नदी से हुए भू कटाव वाले क्षेत्र का निरीक्षण किया है. साथ ही सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया है कि बरसात के समय गौला बैराज से नदी में पानी छोड़ने के दौरान लोगों को सूचना पहुंचाए, जिससे किसी तरह का कोई जान माल का नुकसान ना हो.