
एफएनएन, नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में अब तक के सबसे बड़े फ्रंट-रनिंग घोटाले में एक्सिस म्यूचुअल फंड के पूर्व प्रमुख ट्रेडर और फंड मैनेजर वीरेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया है. एजेंसी का आरोप है कि जोशी ने ट्रेडिंग के गोपनीय डेटा का दुरुपयोग कर करीब 2 लाख करोड़ रुपये की निवेश संपत्तियों के साथ धोखाधड़ी की. जोशी को शनिवार को हिरासत में लिया गया और उन्हें 8 अगस्त तक ईडी की रिमांड में भेज दिया गया है. गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है.
फ्रंट-रनिंग शेयर बाजार में एक गंभीर और अवैध व्यापारिक गतिविधि है, जिसमें किसी ब्रोकर या फंड मैनेजर को पहले से पता होता है कि कोई बड़ा निवेश होने वाला है. वह इस जानकारी का लाभ उठाकर अपने या अपनी मिलीभगत से जुड़े खातों में पहले से ही सौदे करता है, जिससे बाद में दाम बढ़ने पर भारी मुनाफा कमाया जा सके.
ईडी का कहना है कि वीरेश जोशी ने एक्सिस म्यूचुअल फंड के बड़े निवेश ऑर्डर की गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग करते हुए खुद और अपने साथियों के खातों में पहले से ट्रेड किए, जिससे सामान्य निवेशकों को नुकसान और खुद को अवैध लाभ मिला.
दुबई से होता था ट्रेडिंग नियंत्रण
ईडी ने बताया कि 1 अगस्त से शुरू हुए अभियान में उसने दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, लुधियाना, अहमदाबाद, भावनगर, भुज और कोलकाता में छापेमारी की. जांच में पता चला कि दुबई में मौजूद एक ट्रेडिंग टर्मिनल के ज़रिए फर्जी म्यूल (नाम उधार लिए हुए व्यक्ति) खातों में फ्रंट-रनिंग ट्रेड्स को अंजाम दिया गया. ईडी ने दावा किया कि जोशी ने कई ब्रोकरों और ट्रेडर्स के जरिए शेयर मार्केट में ग़लत तरीके से खरीद-फरोख्त करवाई और करोड़ों का मुनाफा कमाया.
200 करोड़ की अवैध कमाई उजागर
जांच के दौरान ईडी को पता चला कि जोशी अकेले नहीं थे, बल्कि कई और ब्रोकर और ट्रेडर इस घोटाले का हिस्सा थे, जिन्होंने गोपनीय जानकारियों के आधार पर अवैध मुनाफा कमाया.
अब तक की छानबीन में करीब 200 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का पता चला है, लेकिन ईडी का मानना है कि वास्तविक रकम इससे कई गुना अधिक हो सकती है. यह धन फर्जी संस्थाओं और उनके मालिकों के बैंक खातों के माध्यम से प्राप्त किया गया.
यह मामला सबसे पहले 2022 में आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी से सामने आया था. उसके बाद ईडी ने इसे FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के तहत जांचना शुरू किया, लेकिन दिसंबर 2024 में मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर अब यह एक धन शोधन (Money Laundering) का केस बन गया.
ईडी ने कहा कि दिसंबर 2024 में दायर प्राथमिकी के मुताबिक, जोशी ने एक्सिस म्यूचुअल फंड की ओर से किए जाने वाले निवेश सौदों की गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग कर पहले से ही शेयर खरीदे और बाद में भारी लाभ कमाया.
फ्रीज की गई संपत्तियां
ईडी ने कहा है कि अब तक की कार्रवाई में 17.4 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर, म्यूचुअल फंड और बैंक बैलेंस फ्रीज किए गए हैं. जांच अभी जारी है और और भी व्यक्तियों एवं कंपनियों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने इस अवैध कमाई में भूमिका निभाई.
क्या है एक्सिस म्यूचुअल फंड की भूमिका?
यह म्यूचुअल फंड देश के सबसे बड़े फंड हाउस में से एक है और 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निवेश संपत्ति का प्रबंधन करता है. जोशी फंड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभालते थे और उन्हीं के पास कई बड़े निवेश निर्णयों की गोपनीय जानकारी होती थी. ईडी का आरोप है कि जोशी ने इस भरोसे का गंभीर उल्लंघन किया और निवेशकों को धोखा दिया.