एफएनएन, नैनीताल : उत्तराखंड में खेलों के विकास की जरूरत है। नैनीताल में हॉकी खिलाड़ियों के लिए एस्ट्रो टर्फ मैदान होना चाहिए। अगर ईश्वर ने चाहा और हमें मौका मिला तो हम यहां पर एक एकेडमी खोलेंगे। यह बात नैनीताल पहुंचे भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर व खिलाड़ी मीर रंजन नेगी ने कही।
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर मीर रंजन नेगी रविवार को परिवार के साथ नैनीताल पहुंचे थे। सोमवार को एक होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 1982 एशियन हॉकी में पाकिस्तान के हाथ मिली 7-1 से मिली करारी हार हमेशा पीड़ा देती है। मीर रंजन ने कहा पाकिस्तान से हारने के बाद उन पर जानबूझ हारने का आरोप लगा और उन्हें देशद्रोही करार दे दिया गया।
मीर रंजन नेगी को लंबे समय तक मैदान से दूर रहने के बाद वर्ष 1998 में हॉकी फेडरेशन सचिव व उनके दोस्त ज्योति कुमारन ने पुरुष हॉकी टीम का कोच नियुक्त किया। भारत ने 32 साल के बाद हाकी में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। भारतीय टीम के स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन पर लगा दाग मिटा। इस मौके पर विनीता नेगी, गीता शाह, आलोक शाह सावी नेगी, प्रत्यूष शर्मा, सुचिता शर्मा, कर्नल हरीश शाह, शीला शाह, अरुण शाह आदि रहे।