एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में वैसे तो कई पदों पर कर्मचारी और अधिकारियों की कमी बनी हुई है, लेकिन जिन पदों के लिए नई भर्ती के जरिए रिक्तियों को भरा गया, उसका भी सही उपयोग नहीं किया जा रहा है. असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (ACF) रैंक के अधिकारियों को लेकर कुछ ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. जानिए क्या है पूरा मामला.
उत्तराखंड वन विभाग का हिस्सा बनते ही असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (ACF) पद पर भर्ती हुए अधिकारियों को विवादों से दो चार होना पड़ रहा है. दरअसल ACF की नई भर्ती में शामिल अफसर सीनियरिटी के विवाद से जूझ रहे हैं. यह विवाद सीधे ACF में भर्ती अधिकारियों और प्रमोशन से ACF बने अफसरों को लेकर है. जानकारी के अनुसार राज्य में सीधी भर्ती वाले कुल 41 ACF तैनाती को लेकर तैयार हैं. लेकिन प्रशिक्षण पूरा होने के करीब 3 महीने बाद भी इन्हें तैनाती नहीं दी जा सकी है. फिलहाल ACF की सीधी भर्ती वाले इन अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में अटैचमेंट के जरिए काम दिया जा रहा है, जबकि लगातार यह अधिकारी खुद की तैनाती को लेकर कई जगह गुहार लगा चुके हैं.
उत्तराखंड वन विभाग में अधिकारियों की कमी के कारण प्रमोटी ACF को प्रभागों का चार्ज दिया गया है. खबर है कि सीनियरिटी को आगे रखकर ACF की सीधी भर्ती वाले अधिकारी इसे भी गलत मान रहे हैं. इस तरह देखा जाए तो विभाग में कदम रखते ही सीधी भर्ती वाले ACF सीनियरिटी विवाद में उलझ गए हैं. इसको लेकर वन मुख्यालय से लेकर शासन तक को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
हालांकि वन मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि जल्द ही ACF को तैनाती से जुड़ा आदेश जारी हो जाएगा और इन सभी नए अधिकारियों को तैनाती स्थल सौंप दिए जाएंगे. सुबोध उनियाल कहते हैं कि फिलहाल इन अधिकारियों को अटैचमेंट करते हुए इनसे काम लिया जा रहा है.
खास बात यह है कि ACF की तैनाती को लेकर पहले ही वन मुख्यालय के स्तर पर होमवर्क कर लिया गया है और बताया जा रहा है कि विभिन्न खाली क्षेत्रों के लिहाज से तैनाती देने के लिए कई बार अधिकारी मंथन कर चुके हैं. इसके अलावा फिलहाल तैनात ACF स्तर के कुछ अधिकारियों को भी तैनाती आदेश के साथ नई तैनाती देने पर भी विचार हुआ है.