Thursday, April 24, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडछात्रवृत्ति घोटाले में शामिल शिक्षण संस्थानों पर अब ईडी का शिकंजा, 150...

छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल शिक्षण संस्थानों पर अब ईडी का शिकंजा, 150 से ज्यादा को नोटिस

एफएनएन, देहरादून : करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में अब शिक्षण संस्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसने वाला है। निदेशालय ने 150 से अधिक शिक्षण संस्थानों के अधिकारियों और मालिकों को नोटिस जारी किए हैं। इन्हें चार साल के दस्तावेज के साथ 10 दिनों के भीतर तलब किया गया है। जल्द पूछताछ के बाद ईडी भी इस घोटाले में कार्रवाई कर सकता है।

प्रदेश में 300 करोड़़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा वर्ष 2017 में हुआ था। कई शिक्षण संस्थानों ने एससी-एसटी छात्रों के फर्जी प्रवेश दिखाकर करोड़ों रुपये डकार लिए थे। मामले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने वर्ष 2018 में जांच शुरू की तो हरिद्वार जिले में 51 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें 78 शिक्षण संस्थान और उनके मालिक शामिल थे। इसके अलावा देहरादून में 32 मुकदमों में 57 शिक्षण संस्थानों व उनके अधिकारियों को आरोपी बनाया गया।

एसआईटी ने जांच के दौरान उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई सरकारी अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज किए। अब ईडी के सहायक निदेशक विदी चंद्रशेखर की ओर से इन शिक्षण संस्थानों को नोटिस जारी किए गए हैं। ईडी ने इन संस्थानों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की है। इन संस्थानों से वर्ष 2013 से 2017 तक के सभी छात्रों के दस्तावेज और अन्य स्रोत से अर्जित धन के दस्तावेज मांगे गए हैं। सभी को 10 दिनों के भीतर ईडी कार्यालय में प्रस्तुत होने को कहा गया है।

  • लॉकडाउन से पहले ही शुरू होनी थी जांच 

मामले में ईडी ने उन्हें लॉकडाउन से भी पहले भी नोटिस जारी किए थे, लेकिन लंबे समय तक कोरोनाकाल के चलते इसे बंद कर दिया गया। अब दोबारा से यह नोटिस इन शिक्षण संस्थानों को भेजे गए हैं। बता दें कि अब तक पुलिस की जांच में यह घोटाला 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। अब ईडी की जांच में यह आंकड़ा और बड़ा हो सकता है।

  • सरकारी अधिकारियों के खिलाफ चल रही है जांच 

एसआईटी ने इस मामले में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच शुरू की थी। लगभग 90 फीसदी जांच पूरी हो चुकी है। इनमें कुछ अधिकारी उत्तराखंड और बाकी उत्तर प्रदेश के हैं। फिलहाल एसआईटी का पर्यवेक्षण एसपी उत्तरकाशी कर रहे हैं। इससे पहले करीब ढाई साल तक एसपी मंजूनाथ टीसी ने पर्यवेक्षण किया था।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments