सर्वेश तिवारी (एफएनएन) हल्द्वानी: भाईजी! लॉकडाउन है और सभी लोगों को अपने-अपने घरों पर रहना है, ताकि कोरोना को मात दी जा सके, लेकिन नैनीताल और यूएसनगर का मसला इस मामले में जरा अलग है। यहां लॉकडाउन के दौरान आपको दारू रोड पर पीने की इजाजत है, लेकिन दुआ घर पर रहकर ही करनी होगी।
आपको बता दें कि प्रदेश के चार जिलों में हर शनिवार और रविवार को सम्पूर्ण लॉक डाउन है। इस लॉकडाउन से दारू के ठेकों को राहत दी गई है। जिसको लेकर व्यापारियों और आम जन आक्रोश में है। वजह साफ है और तमाम सारे सवाल भी। सवाल ये की जब सम्पूर्ण लॉकडाउन है तो फिर शराब के ठेकों को खोले जाने की इजाजत क्यों दी गई। क्या शराब के ठेके खुलने से कोरोना का संक्रमण नही फैलेगा। अगर ऐसा नहीं है तो फिर अन्य दुकानदारों को दुकानें खोलने की इजाजत क्यों नहीं दी गई। साफ है कि सरकार अपना खजाना भरने के लिए लोगों के जीवन ने खिलवाड़ कर रही है। या सीधे तौर पर यह लीजिए कि लॉक डाउन के दौरान सरकार ने आपको शराब पीने की इजाजत तो दे दी है, लेकिन इस दौरान अगर आप कोरोना की चपेट में आ जाएं तो जिंदगी के लिए दुआ आपको घर पर रहकर करनी होगी।
पशोपेश में पुलिस
शराब के ठेके खुले हैं और सम्पूर्ण लॉक डाउन है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति घर से बाहर निकलता है और पुलिस उसे पकड़ ले तो। तो ये कि बन्दा यह कहकर बच सकता है कि वो तो शराब लेने जा रहा है। ऐसे में परेशानी ये है कि पुलिस बेवजह घूमने वालों की पहचान कैसे करे।