Sunday, January 5, 2025
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‘विकास यानी हार की गारंटी’, दिग्गज नेता की इस बड़ी सीख को भी दरकिनार कर मीरगंज को लगातार चमका रहे डीसी

सीनियर रिपोर्टर गणेश पथिक की एक और धारदार रिपोर्ट

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। 119, मीरगंज विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2022 में लगातार दूसरी बार रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज करने वाले विधायक डॉ. डीसी वर्मा तमाम अपवादों और सीमाओं के बावजूद मुल्क की आजादी के बाद से ही विकास के मामले में बेहद ही फिसड्डी रहे इस इलाके की तेजी से तरक्की कराने के अपने मिशन में बहुत शिद्दत से जुटे हैं। हालांकि, डीसी के परंपरागत विरोधियों को उनकी यह प्रशंसा जरूर अखर सकती है लेकिन असलियत भी तो यही है।

मीरगंज के भाजपा विधायक डॉ़. डी.सी. वर्मा

यह सही है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार के पहले कार्यकाल में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों का उतनी तेजी से विकास शायद नहीं हो पाया जितना अपेक्षित था लेकिन 2022 में प्रचंड बहुमत के साथ योगी सरकार की दुबारा सत्ता में वापसी हुई और सरकार गठन के फौरन बाद से वाकई बेहद पिछड़े प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास के आधारभूत ढांचे को खड़ा करने का काम प्रदेश भर में पूरी ताकत से कराया जा रहा है।विरोधियों की ना-नुकर और फब्तियों के बीच विधायक डॉ. डीसी वर्मा की विकास परक सोच की ही वजह से दो साल से भी कम अरसे में मीरगंज इलाके को रामगंगा नदी पर पौन-पौन किमी लंबे दो बड़े पुलों की सौगात मिल ही चुकी है।

मीरगंज इलाके को ‘डीसी’ की बड़ी सौगात: मीरगंज-सिरौली के बीच रामगंगा नदी के बाबा कैलाशगिरि मढ़ी घाट पुल पर 27 मजबूत आरसीसी पिलर्स वाला 790 मीटर लंबा नवनिर्मित विशाल पुल

हां, यह जरूर है कि इन पुलों को मीरगंज और आंवला तहसीलों के 250 से भी ज्यादा गांवों और सिरौली, रामनगर समेत कई कस्बों तथा पड़ोसी बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद और उत्तराखंड, दिल्ली जैसे समीपवर्ती राज्यों तक व्यापारियों-किसानों, सैलानियों को सुगम पहुंच उपलब्ध करवाने वाले अति महत्वपूर्ण अप्रोच रोडों को प्रशासनिक ढिलाई और राजनीतिक जागरूकता के घनघोर अभाव में निर्धारित सात मीटर के बजाय मात्र चार मीटर चौड़ा बनाकर छोटे-मझोले वाहन चालकों को फिलहाल तो भयावह हादसों के अंधकूप में झोंक ही दिया गया है।

जनप्रतिनिधियों की घनघोर अनदेखी के चलते पिछले दस साल से गड्ढों में गुम हो चुका केरा-सोरहा संपर्क मार्ग

हालांकि डीसी आश्वस्त करते हैं कि इन दोनों पुलों से अटैच्ड सड़कों को सात मीटर चौड़ाई में बनवाने और उच्चीकरण, नवीनीकरण करवाने का प्रस्ताव नए सिरे से बनवाकर शासन और पीडबल्यूडी के शीर्ष अधिकारियों को काफी पहले ही भेजा जा चुका है। दोनों ही प्रोजेक्ट्स का निर्माण कार्य तत्परता से शुरू करवाने के लिए निरंतर तगड़ी पैरवी भी जारी है। सफाई देते हुए डीसी कहते हैं कि कई साल पहले जब इन दोनों सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव चार मीटर चौड़ाई के पुराने मानकों के हिसाब से शासन-विभाग द्वारा स्वीकृत हुए थे, उस वक्त इन दोनों ही पुलों के निर्माण की प्रदेश में सत्तारूढ़ तत्कालीन सपा सरकार की योजना ही नहीं थी। लिहाजा आसपास के गांवों को रास्ता मुहैया कराने के लिए चार मीटर चौड़ी सड़कों के ही निर्माण के प्रस्ताव पुराने मानकों के हिसाब से भेज दिए गए थे। अब दोनों पुल बन चुके हैं और संकरी सड़कें जगह-जगह टूट-फूट भी चुकी हैं तो इन्हें निर्धारित सात मीटर चौड़ाई में ही पहली प्राथमिकता से ‘टू लेन’ बनवाया जाएगा। साथ ही दोनों सड़कों का हॉट मिक्स पद्धति से उच्चीकरण और पुनर्निर्माण भी कराया जाएगा। प्रस्ताव नए सिरे से बनवाकर शासन और पीडबंयूडी के प्रमुख सचिव को काफी पहले ही भेज भी दिए गए हैं।

रामगंगा नदी के बाबा कैलाश गिरि मढ़ी घाट पुल से मीरगंज और सिरौली कस्बों और 150 से ज्यादा गांवों को जोड़ने वाली 18 किमी लंबी संकरी सड़क का समसपुर-कपूरपुर के बीच गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुका लगभग डेढ़ किमी हिस्सा

रामगंगा नदी के गोरा लोकनाथपुर और बाबा कैलाश गिरि मढ़ी घाटों पर दो बड़े पुलों और इनके अप्रोच रोडों की निर्माण करवाकर दोनों पर यातायात चालू करवाने के अलावा विधायक डॉ. डीसी वर्मा ने सात वर्ष के अपने कार्यकाल में धनेटा-शीशगढ़ रोड पर मीरगंज विकास क्षेत्र के गांव जुन्हाई में 33/11 केवीए और मीरगंज नगर में 132कवीए के उच्च शक्ति के दो बड़े बिजलीघर बनवाए हैं और दोनों काफी समय से चल भी रहे हैं। इसके साथ ही फतेहगंज पश्चिमी, शाही, शीशगढ़, दुनका, सहोड़ा, सिंधौली आदि गांवों-कस्बों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था भी अपेक्षाकृत अधिक क्षमता के ट्रांसफॉर्मर लगवाकर सुदृढ़ कराई गई है। हुरहुरी, शाही समेत चार नए विद्युत उप केंद्र भी मंजूर करवाए हैं।

10 राजकीय हाईस्कूल-इंटर कॉलेज भी मीरगंज विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित हैं। इनमें से छह राजकीय हाईस्कूल/इंटर कॉलेजों के भवन बनवाकर उनमें शिक्षण कार्य चालू भी करवा दिया गया है। विधानसभा क्षेत्र के सभी 350 से अधिक परिषदीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में टाट-पट्टी हटवाकर सभी कक्षाओं में बच्चों के लिए डेस्क-कुर्सी की व्यवस्था भी करवा दी गई है। मीरगंज विधानसभा ने पूरे प्रदेश में यह उपलब्धि सबसे पहले प्राप्त कर नया गौरवपूर्ण रिकॉर्ड भी बनाया है।

ठिरिया ठाकुरान के पास शंखा नदी पर, धर्मपुरा में बहगुल नदी पर भी छोटे पुल बनवाए गए हैं। इन दोनों गांवों में लोग मजबूरन पटरों के पुलों से होकर ही जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते थे। कुल्ली नदी के ढकिया डाम पर पुल निर्माण का प्रस्ताव बनवाकर शासन और संबंधित विभाग को भेजा गया है। इन दोनों ही स्तरों पर तगड़ी पैरवी कर जल्द ही इस पुल को भी बनवाया जाएगा। हल्दी कलां, गोरा लोकनाथपुर समेत कई बड़े गांवों में नई पुलिस चौकियां भी बनवाई हैं। मीरगंज तहसील के वकीलों की बहुत पुरानी मांग पर मुंसिफ कोर्ट की स्थापना का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जा चुका है। जल्द ही भवन निर्माण शुरू कराया जाएगा।

फतेहगंज पश्चिमी में लोकार्पण के इंतजार में नवनिर्मित रोडवेज बस अड्डा

बकौल डीसी, फतेहगंज पश्चिमी में शाही रोड परव सिंचाई विभाग की भूमि पर नया रोडवेज बस अड्डा बनवाया गया है। जन सुविधा को पहली प्राथमिकता पर लोकार्पण करवाकर इसे शीघ्र चालू कराया जाएगा। राजस्व बढ़ाने के निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के साथ ही यात्रियों की उपलब्धता एवं उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए बरेली, रुहेलखंड समेत यूपी रोडवेज के दर्जन भर से ज्यादा  डिपो की बसों की इस नए बस अड्डे तक नियमित आवाजाही और यात्रियों को सुरक्षित चढ़ाने-उतारने की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाएगी।

मिर्जापुर-शाही रोड: कभी गहरे गड्ढों से पटी थी एक किमी लंबाई वाली पूरी सड़क, अब तरक्की की  तवारीख लिख रही ऊंची-चौड़ी-चिकनी रोड

पूरे विधानसभा क्षेत्र में 40 पुलियां भी बनवाई गई हैं और नई चौड़ी-टिकाऊ सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायक डॉ. डीसी वर्मा की तगड़ी पैरवी और व्यक्तिगत अनुरोध को सम्मान देते हुए 250 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की बड़ी सौगात दी है। ये सभी विकास कार्य तेजी से करवाए भी जा रहे हैं।

भाखड़ा नदी के नरखेड़ा घाट पर लकड़ी के डांवाडोल होते पटरों से बने पुल से होता है कई गांवों के हजारों बाशिंदों का आवागमन, अब बनेगा पक्का पुल

इसके अलावा मीरगंज विकास क्षेत्र के नरखेड़ा गांव के पास भाखड़ा नदी पर पटरों के खतरनाक पुलों से आवागमन की स्थानीय ग्रामीणों और क्षेत्रवासियों की गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए मीरगंज विधायक डॉ. वर्मा ने लगभग छह वर्ष पहले वर्ष 2018 में किसान नेता, पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार, डीसीबी चेयरमैन रहे इलाके में सहकारिता और गन्ना विकास आंदोलन को निरंतर धार देते रहे चौधरी छत्र पाल सिंह और दर्जनों ग्राम प्रधानों, किसान-मजदूरों, क्षेत्रवासियों की पुरजोर मांग पर लगभग 49 करोड़ रुपये की लागत से पुल निर्माण का प्रस्ताव बनवाकर भेजा था। शासन से इस पुल के निर्माण को मंजूरी भी मिल चुकी है। विधायक डॉ़ वर्मा जल्द बजट मंजूर और अवमुक्त करवाकर पुल निर्माण शुरू करवाने की पैरवी में रात-दिन एक किए हुए हैं।

भाखड़ा नदी के नरखेड़ा घाट पर लकड़ी के डांवाडोल होते पटरों से बने पुल से होता है कई गांवों के हजारों बाशिंदों का आवागमन, अब बनेगा पक्का पुल
भाखड़ा नदी के नरखेड़ा घाट पर लकड़ी के पटरों का खतरनाक पुल
भाखड़ा नदी के नरखेड़ा घाट पर लकड़ी के डांवाडोल होते पटरों से बने पुल से होता है कई गांवों के हजारों बाशिंदों का आवागमन, अब बनेगा पक्का पुल
भाखड़ा नदी के नरखेड़ा घाट पर लकड़ी के डांवाडोल होते पटरों से बने पुल से होता है कई गांवों के हजारों बाशिंदों का आवागमन, अब बनेगा पक्का पुल
भाखड़ा नदी के नरखेड़ा घाट पर लकड़ी के डांवाडोल होते पटरों से बने पुल से होता है कई गांवों के हजारों बाशिंदों का आवागमन, अब बनेगा पक्का पुल

ढकिया डाम पर पुल, खमरिया घाट पर पक्का बांध की मुहिम भी तेज

शीशगढ़ क्षेत्र में कुल्ली नदी के ढकिया डाम पर जर्जर पुल की जगह नये पुल और पश्चिमी बहगुल नदी के खमरिया घाट पर पक्के रेगुलेटर बांध के निर्माणके वास्ते भी मीरगंज विधायक डॉ.डी.सी वर्मा ने प्रमुख सचिव (सिंचाई) को पत्र लिखा है। विधायक प्रतिनिधि संजय चौहान ने बताया कि विधायक डॉ. वर्मा ने प्रमुख सचिव (सिंचाई) विभाग को पत्र के माध्यम से बताया है कि पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार के नेतृत्व में पिछले नौ साल से क्षेत्रीय किसान दो माह की कड़ी मेहनत और चंदा से जुटाई लाखों रुपये की रकम से हर साल कच्चा बांध बनाते हैं लेकिन नदी में बाढ़-कटान के डर से इसे प्रतिवर्ष वर्षा ऋतु में काटना पड़ता है। इसलिए व्यापक जनहित में पुल और बांध का तत्काल निर्माण होना जरुरी है। पक्का बांध बनने पर पड़ोसी रामपुर जनपद की तहसील विलासपुर और बरेली जनपद की बहेड़ी और मीरगंज तहसील के 165 से भी अधिक गांवों की फसलों को बारहों महीने भरपूर सिंचाई, मवेशियोंको नहलाने-पिलाने के लिए साफ पानी और पखेरुओं, वन्य पशुओं, जीवजंतुओं को भी नवजीवन मिल सकेगा।

भिटौरा-धनेटा फाटकों पर ₹43-43 करोड़ से बनेंगे रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी)

फतेहगंज पश्चिमी-शाही रोड की भिटौरा रेलवे क्रॉसिंग पर उप्र सेतु निगम ₹43. 20 करोड़ की अनुमानित लागत से रेलवे ओवर ब्रिज(आरओबी) का निर्माण करेगा। इतनी ही लागत से धनेटा-शीशगढ़ रोड के धनेटा क्रॉसिंग पर भी सेतु निगम द्वारा आरओबी बनवाने की तैयारी है। दोनों रेलवे क्रॉसिंग्स की जगह ओवरब्रिज बनने से दिन में कई-कई बार घंटों लगे रहने वाले भारी ट्रैफिक जाम की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। सेतु निगम ने इन दोनों बड़ी परियोजनाओं को चालू वित्तीय वर्ष की ही कार्ययोजना में शामिल कर दिया है।

भिटौरा रेलवे क्रासिंग: रोजाना घंटों ट्रैफिक जाम से निजात दिलवाने को जल्द बनेगा रेलवे ओवरब्रिज

दोनों ओवरब्रिजों की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) फाइल सेतु निगम द्वारा स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज भी दी गई है। विधायक डॉ. वर्मा की तगड़ी पैरवी के चलते जल्दी ही शासन से दोनों प्रोजेक्ट्स के लिए बजट मिलने की भी पूरी उम्मीद है। शेरगढ़ ब्लॉक प्रमुख भूपेंद्र कुर्मी, विधायक प्रतिनिधि संजय चौहान, व्यापारी नेता सचिन चौहान, जतिन अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, चक्रवीर सिंह चौहान, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कृष्ण पाल मौर्य, सरजू यादव आदि ने इस बाबत विधायक डॉ. वर्मा को ज्ञापन सौंपा था।

ॉभिटौरा क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज की मांग से संबंधित ज्ञापन मीरगंज  विधायक डॉ. डी.सी. वर्मा को सौंपते

384 मीटर लंबाई में बनेगा भिटौरा ओवरब्रिज, धनेटा फाटक पर आरओबी की डीपीआर भी भेजी

मीरगंज विधायक डॉक्टर डीसी वर्मा ने बताया कि धनेटा और भिटौरा रेलवे क्रॉसिंगों पर दो रेलवे ओवर ब्रिज (आर ओबी) के निर्माण का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को दिया था। सेतु निगम ने दोनों क्रॉसिंग पर आरओबी के प्रस्ताव को इसी वित्तीय वर्ष की अपनी कार्ययोजना में शामिल भी कर लिया है। इतना ही नहीं, सेतु निगम ने इन दोनों परियोजनाओं की डीपीआरवभी शासन को भेज दी है। जल्दी निर्माण शुरू करवाने के लिए लगातार तगड़ी पैरवी भी कर रहा हूं। 

फतेहगंज पश्चिमी-शाही रोड की भिटौरा रेलवे क्रॉसिंग: रोजाना कई-कई घंटे रहता है ट्रैफिक जाम, अब बनेगा फ्लाईओवर

डीसी का दावा-अब तक तो मीरगंज में करवा चुके ₹20हजार करोड़ के विकास कार्य

विधायक के दावे पर अगर यकीन करें तो वह बताते हैं कि पिछले सात साल के अपने कार्यकाल में 10 हजार करोड़ रुपये के शुरुआती वादे से भी दोगुनी राशि यानी 20 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा के विकास कार्य तो अब तक करवा भी चुके हैं। इसके अलावा फतेहगंज पश्चिमी के भाखड़ा-बहगुल नदियों के संगम स्थल दिजोड़ा पर विशाल पुल बनवाकर इसे दिवना से ठिरिया खेतल तक 5 किमी लंबे एप्रोच रोड से जोड़ा जाएगा। इसका भी प्रस्ताव बनवाकर शासन को भेज दिया है और मंजूरी-धन अवमुक्ति के लिए निरंतर तगड़ी पैरवी की जा रही है। यह पुल बनने पर दर्जनों गांवों के लोगों को मीरगंज और मिलक (रामपुर) से हुरहुरी-दिवना-दिजोड़ा पुल-ठिरिया खेतल तक लगभग 15 किमी लंबे पक्के-चौड़े रोड पर सुगम और तेज आवागमन की सुविधा मिल सकेगी जिससे इलाके के किसानों-व्यापारियों की तरक्की के रास्ते भी खुल जाएंगे‌। विधायक अपने खाते में इतने सारे विकास कार्यों के लिए आठ बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और वर्तमान में झारखंड के महामहिम राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, बरेली के मौजूदा सांसद छत्रपालसिंह गंगवार और अन्य अनेक राजनीतिक-सामाजिक लोगों के योगदान को श्रेय देना भी नहीं भूलते हैं।

मीरगंज के भाजपा विधायक डॉ़. डी.सी. वर्मा

विकास कराने वालों को अक्सर चुनाव नतीजों से मिलती है मायूसी

लगातार दूसरी बार जिले भर में रिकॉर्ड वोटों के अंतर से सबसे बड़ी जीत दर्ज कर सदन में धमाकेदार इंट्री करने वाले विधायक डॉ. वर्मा बताते हैं कि शानदार जीत दर्ज करने के बाद दो साल पहले जब चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद पहली बार विधानसभा में पहुंचे तो भाजपा और उप्र की राजनीति के एक बड़े महारथी उनकी इस बड़ी सफलता पर हैरान रह गए थे। अचम्भित लहजे में बोले- “तुम्हारी यह जीत अप्रत्याशित ही नहीं, एक अपवाद भी है।” वो बड़े नेता चुनाव के बाद और उससे पहले भी चार-छह विधायकों के साथ अनौपचारिक बातचीत में बहुत अपनापन दिखाते हुए अक्सर समझाते भी थे कि दरअसल,स्वार्थ और निजी हितों में ही सिमटी-लिपटी आज की समसामयिक  राजनीति की विडम्बना भी यही है कि पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ अपने कार्यकाल के पूरे पांच वर्षों तक अपने विधानसभा क्षेत्र का तेज विकास कराने वाले ज्यादातर विधायकों को चुनाव नतीजों से करारी हार की शक्ल में बहुत बड़ी मायूसी ही हाथ लगती है। इसकी माकूल वजह भी  बताते थे। समझाते थे-इलाके का तेज विकास कराने पर अक्सर कई लोगों की अवैध ढंग से कब्जाई गई जमीनें भी सरकार के पक्ष में चली जाती हैं। ऐसे लोग इलाके का विकास होने पर भी इपने निजी नुकसान की कसक को भुला नहीं पाते हैं और  चुनाव के दौरान उक्त जनप्रतिनिधि के वोट कटवाने में पूरी ताकत झोंककर अपनी खुन्नस निकालते हैं। विधायक डॉ. वर्मा कहते हैं कि उप्र की राजनीति के भीष्म पितामह के रूप में प्रतिष्ठित उन बहुत बड़े नेता की ‘सीख’ और ‘नसीहत’ को भी दरकिनार कर वे विधानसभा के अपने दोनों कार्यकालों में मीरगंज इलाके का बहुआयामी तीव्र विकास कराने और यहां के आधारभूत ढांचे को मजबूती दिलवाने के बड़े और पवित्र मिशन में पूरी ताकत और जी-जान से लगे हुए हैं। अब यह तो भाग्य विधाता मतदाताओं और जनता-जनार्दन की इच्छा पर ही निर्भर है कि वर्ष 2027 में लगातार तीसरे विधानसभा चुनाव में भी वही उनकी पहली पसंद बनकर लगातार तीसरी बार भी ‘बिग विक्ट्री’ हासिल करेंगे, या नतीजे उन्हें मायूसी देने वाले होंगे।

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