एफएनएन, हल्द्वानी : न चाकू दिखाना है न किसी और तरीके से जबरदस्ती करनी है। किसी की जेब खाली कराने के लिए साइबर फ्रॉड अब सबसे आसान तरीका है। साइबर क्रिमिनल सिर्फ लालच देकर लोगों की जेब खाली कर रहे हैं। कई मामलों में विश्वास पैदा करने के लिए जालसाज पहले लोगों के खाते में पैसे तक डाल रहे हैं। किसी को ऐप डाउनलोड कराकर खाता खाली किया जा रहा है तो किसी सस्ते में महंगा सामान देकर छला जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में साइबर क्रिमिनल ने 6 लोगों से 25 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया। पुलिस ने इन सभी मामलों में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इनवेस्टमेंट कराकर लाभ दिया और 6 लाख रुपये ठग लिया
पहला मामला मुखानी थाना क्षेत्र का है। श्रीराम कालोनी डहरिया निवासी संतोष सिंह महरा पुत्र हर सिंह मेहरा ने बताया कि उनके टेलीग्राम एपलीकेशन पर पार्ट टाइम वर्क और इनवेस्टमेंट से सबंधित लिंक आया। उन्होंने नाम, पता, मोबाइल नम्बर और बैंक डिटेल साझा की। गूगप पे के जरिये 1 हजार रुपये का निवेश कराया गया। इसके के बदले उनके खाते में 1600 रुपये डाले गए। फिर 7 हजार डाले और 8400 रुपए मिले। ये लाभ आगे मिलता रहे तो उनसे 5000, 30,000, 70,000 और फिर 2 लाख रुपये मांगे। संतोष ने पैसे डाल दिए। फिर निवेश रकम वापसी के लिए 3 लाख की डिमांड की गई। संतोष ने यह रकम भी दे दी। अब जालसाज पैसा वापस करने के लिए 10 लाख की मांग करने लगे। जिसके बाद वह पुलिस के पास पहुंचे, लेकिन तब तक जालसाज 605000 खाते से जा चुके थे।
ग्राहक मना करता रहा, बैंक ने जबरदस्ती लोन दे दिया
बैंक भी ग्राहकों से खेल रहे हैं। पीपली अहीर सूरजनगर ठाकुरद्वारा मुरादाबाद निवासी विजयपाल सिंह पुत्र छत्रपाल सिंह ने कोतवाली पुलिस को बताया कि उनका खटीमा स्थित एक्सिस बैंक में खाता है। 8 नवंबर को बैंक के टोल फ्री नंबर से उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा, आपके अकाउंट पर 3 लाख रुपये का ऑफर है। विजय पाल सिंह ने ऑफर लेने से मना कर दिया। फोन करने वाले ने कहा, अगर ऑफर कैंसर करना है तो ओपीटी बताना होगा। कुछ ही पल में विजय के फोन में ओटीपी आया और उन्होंने फोन करने वाले से ओटीपी साझा कर लिया। फोन करने वाले ने भरोसा दिया था कि ओटीपी से ऑफर कैंसिल हो जाएगा, लेकिन ओटीपी साझा करते ही लोन कैंसिल होने के बजाया पास हो गया और उनके खाते में 295275 रुपए आ गए।
खाते में 10 हजार डालकर निकाल लिए 45 हजार
इस मामले में भी लालच ठगी की वजह बना। मूलरूप से सोमेश्वर अल्मोड़ा निवासी हरीश चंद्र बोरी ने मुखानी पुलिस को बताया कि वह जज फार्म में रहते हैं। बताया कि उनके पास एक फोन आया और फोन करने वाले ने कहा, मैं एलआईसी से बोल रहा हूं। आपका एलाईसी रिटर्न 15,000 रुपये आपको गूगल पे कर रहा हूं। उसने 10,000 रुपये गूगल पे कर दिए। कुछ देर बाद 50,000 रुपये का मैसेज आया। जालसाज ने फिर फोन किया और 45,000 रुपये वापस मांगे। हरीश ने बिना जांचे गूगल पे के जरिये ही 45 हजार रुपये वापस कर दिए। इसके बाद जब उन्होंने अपना बैंक स्टेटमेंट चेक किया तो पता लगा कि जालसाज ने उन्होंने 50 हजार डाले ही नहीं थे।
शेयर के नाम पर जालसाजों ने खाली किया खाता
इस घटना की कहानी भी लालच से जुड़ी है। कौशल्या विहार हिम्मतपुर मल्ला ऊंचापुल मुखानी निवासी घनानन्द पाण्डेय पुत्र स्व. चन्द्रमणी पाण्डेय ने मुखानी पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी चम्पा पाण्डेय के बैंक खाते से 525000 रुपये फर्जी एन्जल वन बेबसाइट बनाकर निकल लिए गए। एंजल वन वेबसाइट के जरिये शेयर खरीदे और बेंचे जाते हैं। चम्पा ने विश्वास कर उस साइट को डाउनलोड किया और कुछ देर में खाते से दो बार में पैसा निकल गया। साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करने पर 99600 रुपये होल्ड करा लिए गए, लेकिन यह रकम भी उन्हें वापस नहीं मिली। एक अन्य मामले में भगवानपुर तल्ला निवासी कपिल कुमार कोठारी ने मुखानी पुलिस को बताया कि उन्होंने एटडीएफसी सिक्योरटीज की एप पर ऑनलाइन पेमेंट किया था। बाद में पता चला कि जिस ऐप का उन्होंने इस्तेमाल किया वह क्लोन एप था।
इंश्योरेंस कंपनी में 10 लाख इनवेस्ट कराकर डकार गए जालसाज
यह मामला भी मुखानी थानाक्षेत्र का है। भगवानपुर रोड हिम्मतपुर तल्ला निवासी शीतल पुत्री जीवन सिंह नगरकोटी ने पुलिस को बताया कि उनके पिता के बैंक खाते से 10 लाख का घोटाला हुआ है। हमने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कराया था। फोन करने वालों ने बोला कि वह इंश्योरेंस कंपनी से बोल रहे हैं। भरोसा देते हुए कहा, अभी पैसा भरने में ज्यादा पैसा मिलेगा और उन्होंने 10 रुपये जालसाजों को दे दिए। जालसाज कई दिनों तक लगातार उनसे बात करते और पैसा खाते में डालने का भरोसा देते रहे। फिर उन्होंने फोन उठाना ही बंद कर दिया। आरोपी ने जीवन को अपना नाम प्रशांत पाठक बताया था।
हाईबॉक्स एप से खाली किया तीन लोगों का खाता
यह तीनों मामले बनभूलपुरा थानाक्षेत्र के हैं। मामले से जुड़े तीनों पीड़ितों ने हाई बॉक्स नाम का ऐप डाउनलोड किया था। पहले मामले में आजादनगर लाइन नंबर 2 निवासी साक्षी पाल पुत्री बबलू पाल व सुनीता पाल पति बबलू पाल ने बताया कि दोनों ने उक्त एप डाउनलोड किया था। यह एक ई कॉमर्स ऐप था, जिसमें एक मिस्ट्री बॉक्स था। इस मिस्ट्री बॉक्स में पैसे लगाने पर ज्यादा कीमत वाली वस्तु बेहद कम पैसों में मिलती थी। इस झांसे में आकर साक्षी ने 49,300 रुपये और सुनीता 105600 रुपये गंवा दिए। ठीक इसी तरह लाइन नंबर 10 आजादनगर निवासी जुनैद अख्तर के साथ हुआ। उनसे 146000 रुपये की जालसाजी हुई है।