एफएनएन, हल्द्वानी : राजस्थान का मेवात, झारखंड का नवाड़ा, बिहार का नालंदा और झारखंड का जामताड़ा साइबर अपराधियों का गढ़ माना जाता है। साइबर अपराध की शुरुआत इन्हीं राज्यों से हुई मगर अब दिल्ली एनसीआर में बैठे साइबर ठगों ने तराई व पहाड़ के लोगों को अपने निशाने पर ले लिया है। इसकी तस्दीक कुमाऊं के साइबर थाने में दर्ज रिकॉर्ड से हुई है।
साइबर अपराध यानी इंटरनेट की दुनिया का वह काला सच, जिसे रोकना पुलिस के लिए चुनौती है। देश-दुनिया में अपराधी हजारों किलोमीटर दूर बैठकर लोगों को टारगेट करते हैं। ठगी के तरीके अलग-अलग हैं और अक्सर लोग इन ठगों के झांसे में आ भी जाते हैं।
साइबर थाने के प्रभारी ललित जोशी के अनुसार, पहले अधिकांश साइबर अपराध राजस्थान, बिहार, बंगाल, झारखंड से होते थे। यहां से अपराध अब भी हो रहे हैं। पिछले एक साल में सबसे अधिक साइबर अपराध के मामले दिल्ली एनसीआर में बैठे ठगों ने किए हैं। यहां से दो नाइजीरियन समेत करीब 10 से अधिक अपराधियों को पकड़कर सलाखों में भेजा गया है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा हुए साइबर क्राइम
थाने में जो शिकायतें रिकॉर्ड हुई, उसमें सबसे अधिक संलिप्तता दिल्ली एनसीआर में बैठे ठगों की पाई गई हैं। अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ से लेकर चंपावत, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर तक के लोग ठगों के झांसे में आए हैं। वाट्सएप वीडियो कॉल, फेसबुक, टेलीग्राम एप, ऑनलाइन खरीददारी के नाम पर ठगी के मामले अधिक सामने आ रहे हैं।
कुमाऊं में बढ़ रहे अपराध
- हल्द्वानी में रहने वाले एक व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हुए। उनके साथ 10 लाख की ठगी हुई थी। इस आरोपित को दिल्ली एनसीआर से पकड़ा गया।
- चंपावत के रहने वाले व्यक्ति से एक साल पहले वाहन खरीदने के नाम पर ऑनलाइन ठगी हुई। आरोपित को स्थानीय पुलिस ने पकड़ा, जो दिल्ली एनसीआर में बैठकर अपराध कर रहा था।
- साइबर थाना पुलिस डेढ़ साल पहले एक नाइजीरियन को दिल्ली एनसीआर से पकड़कर लाई। इसने कुमाऊं के कई लोगों से ठगी की थी। आरोपित हल्द्वानी जेल में है।
- पिथौरागढ़ पुलिस ने पूर्व फौजी से हुई ठगी के मामले में कुछ महीने पहले ही एक आरोपित को दिल्ली एनसीआर से गिरफ्तार किया। आरोपित किराए पर रहकर वारदात कर रहा था।
वर्षवार हुए साइबर अपराध
- वर्ष – शिकायत – ठगी
- 2021 – 847 – 62.54 लाख
- 2022 – 857 – 69.67 लाख
- 2023 – 920 – 80.86 लाख
- (स्रोत: साइबर थाना पुलिस।)
अधिकारी ने कही ये बात
साइबर अपराध रोकना चुनौतीपूर्ण है। समझदारी इससे बचाव का तरीका है। जागरूकता के बाद लोग ठगों के झांसे में आ रहे हैं। दिल्ली एनसीआर से ठगी के मामले पहले के मुकाबले काफी बढ़ चुके हैं।