एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी के साथ बढ़ने लगे है। 10 दिनों में ऋषिकेश, मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला क्षेत्र में 65 संक्रमित मिले है। यह हाल तब है जब चेक पोस्ट पर कोरोना जांच और सैंपलिंग नहीं हो रही है। अगर कोरोना जांच को बढ़ा दिया जाए तो संक्रमितों के आंकड़े चौंकाने वाले होंगे।
मानसून सीजन में वायरल फीवर के मामले बढ़ जाते है। लगातार बारिश के बीच ऋषिकेश, मुनि की रेती और लक्ष्मणझूला में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। तीनों क्षेत्रों में रोजाना वायरल फीवर के 100 से अधिक मरीज सरकारी अस्पताल में डाक्टर को दिखाने के लिए पहुंच रहे है। डाक्टर की सलाह पर कुछ मरीज अस्पतालों के जांच केंद्रों में अपनी कोरोना जांच भी करवा रहे। इनमें कई कोरोना पॉजिटिव भी मिल रहे है।
20 जुलाई से 30 जुलाई के बीच मुनि की रेती, यमकेश्वर और लक्ष्मणझूला में 65 कोरोना पॉजिटिव केस मिले। कांवड़ यात्रा से पहले मुनि की रेती और लक्ष्मणझूला क्षेत्र में बाहरी प्रांतों से आने वाले दो से पांच फीसदी यात्रियों की रैंडम कोरोना जांच और सैपलिंग भी हो रही थी। लेकिन भीड़ बढ़ने के बाद जांच और सैंपलिंग का काम रोक दिया गया। सीएचसी फकोट के प्रभारी डॉ. जगदीश जोशी ने बताया कि विभाग से निर्देश मिलने के बाद चेक पोस्ट पर कोरोना जांच और सैंपलिंग का काम शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों को कोरोना जांच करानी चाहिए। वहीं यमकेश्वर ब्लाक के कोविड नोडल अधिकारी डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि विभागीय निर्देश के बाद चेक पोस्ट पर कोरोना जांच को बढ़ाया जाएगा। फिलहाल स्वेच्छा से आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना और वायरल फीवर के कुछ लक्षण मिलते जुलते होते है। अगर वायरल फीवर से राहत नहीं मिल है तो कोरोना जांच जरूरी हो जाती है।
- कोरोना के लक्षण
बुखार, थकान, खांसी, नाक का बंद होना, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई।
- वायरल फीवर के लक्षण
सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों का लाल होना, माथा गर्म होना, उल्टी और दस्त होना, शरीर का तापमान बढ़ना, ठंड लगना, सर्दी-जुकाम।
- बचाव के लिए क्या करें
– मास्क पहने, हाथों को सैनिटाइज करें, अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचे, संदिग्ध लक्षण होने पर स्वयं को आइसोलेट करें, कोरोना जांच कराएं।