एफएनएन, रुद्रपुर : जेसीआई में घमासान थम नहीं रहा। आरोप है कि संस्था में पदों को लेकर नियम ताक पर रखे जा रहे हैं। रुद्रपुर निवासी अमित जैन को पुनः कार्यकारिणी सदस्य बनाने पर यह विवाद तेज हुआ है। आपको बता दें कि पूर्व में गलत दस्तावेज देने के आरोप में जैन के पद से हटा दिया गया था।
120 से अधिक देशों में युवाओं के व्यक्तित्व विकास एवं समाज उत्थान के लिए कार्य कर रही जेसीआई के संविधान के अनुसार संस्था में 18 से 40 वर्ष तक के युवा सदस्य बन सकते हैं और संस्था के पदों पर सेवायें दे सकते हैं। पदों के आवंटन को लेकर पिछले कुछ समय से संस्था चर्चाओं में हैं। दरअसल जेसीआई से जुड़े रूद्रपुर के व्यवसायी अमित जैन ने जेसीआई में जोन वाईस प्रेसीडेंट पद के लिए अपना नामांकन किया था।
आरोप है कि अमित जैन ने जो दस्तावेज लगाये थे उसके आधार पर उन्हें जोन वाइस प्रेसीडेंट कर दिया गया था। लेकिन बाद में शिकायत पर कि अमित जैन की उम्र 40 के पार हो चुकी है, उन्हें जोन प्रेसीडेंट ने पद से हटा दिया था। उनके स्थान पर मथुरा की शिखा गोयल को जोन वाईस प्रेसीडेंट नियुक्त किया गया था। अब अमित जैन को मण्डल कार्यकारिणी सदस्य बना दिया गया है।
संस्था के बॉयलाज की मानें तो अमित जैन कार्यकारिणी सदस्य भी नहीं बन सकते है। उनके कार्यकारिणी सदस्य होने पर भी अब लोग सवाल उठा रहे हैं। अमित जैन ने संस्था के पास अपने आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज जमा किए थे, जिसमे उनकी जन्म तिथि 20 जून, 1979 दर्ज है। इस आधार पर उनकी उम्र 42 साल से अधिक हो गई है।जबकि जेसीआइ के नियम 2.14 में स्पष्ट रूप से लिखा है कि जेसीआइ के पदाधिकारी या सदस्य के लिए 18 से 40 साल तक की उम्र होनी चाहिए।
जेसीआइ के क्वालिफिकेशन आफ कंडिडेट्स के 5.2 बी में उल्लेख है कि यदि कोई 18 साल से कम या 40 साल से अधिक उम्र का प्रत्याशी है तो वह किसी भी पद के लिए नामांकन नहीं कर सकता है। जेसीआइ की सीनियर्स मेंबर्स एसोसिएशन के सदस्य सुधांशु गुप्ता भी यह बात स्वीकार करते हैं कि जेसीआइ के किसी पद या सदस्य बनने के लिए 18 से 40 साल तक की उम्र होनी चाहिए। यदि 18 से कम और 40 साल से अधिक उम्र है तो न तो पदाधिकारी बन सकता है न ही सदस्य।
इस सम्बंध में जब अमित जैन से बात की गयी तो उनका कहना था कि जेसीआइ के सीनियर्स ने उन्हें कार्यकारिणी सदस्य बनाया है, इसलिए इसका स्पष्टीकरण वहीं दे सकते हैं। मंडलाध्यक्ष जेसीआइ अभिनव गुप्ता से भी जब दूरभाष पर संपर्क कर उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया तो वह भी मामले से कन्नी काटते नजर आये और उन्होंने अपने सीनियर पदाधिकारी से बात करने की सलाह देकर टाल दिया। इस सम्बंध में जेसीआई इंडिया के अध्यक्ष अंकुर झुनझुनवाला से बात की गयी तो उनका कहना था कि यह जोन स्तर का मामला है लिहाजा इसमें जोन स्तर के पदाधिकारी ही सही जानकारी दे सकते हैं। लेकिन उन्होंने इतना जरूर स्वीकार किया कि संस्था में 18 से 40 वर्ष का व्यक्ति ही किसी पद पर रह सकता है। 40 वर्ष पूरी होने के बाद सक्रिय सदस्यता स्वतः ही समाप्त हो जाती है। बहरहाल संस्था में नियमों की अनदेखी का मामला गरम है।