Friday, November 14, 2025
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बरेली में वरिष्ठ कवि इंद्रदेव त्रिवेदी, मनोज टिंकू, रामपुर के जितेंद्र कमल आनंद और राम किशोर वर्मा का अभिनंदन

कवि गोष्ठी आयोजन समिति की नियमित मासिक काव्य गोष्ठी में कवि-शायरों ने बिखेरी बहुरंगी छटा

फ्रंट न्यूज नेटवर्क, बरेली साहित्यिक संस्थाकवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में गुरुवार को बाल दिवस की पूर्व संध्या पर नियमित मासिक काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किला बरेली स्थित रंगीलाल अग्रवाल धर्मशाला में वरिष्ठ समाजसेवी अजय अग्रवाल सर्राफ के संयोजकत्व में किया गया समारोह के मुख्य अतिथि रामपुर से आए प्रख्यात साहित्यकार जितेंद्र कमल आनंद और विशिष्ट अतिथिगण डॉ. महेश मधुकर, इंद्रदेव त्रिवेदी रामकिशोर वर्मा एवं अनिरुद्ध शर्मा 'अनु' रहे। अध्यक्षता साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ 'धीर' ने की।

समारोह में हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए रामपुर के चर्चित कवि जितेंद्र कमल आनंद को साहित्य रत्न, वहीं के राम किशोर वर्मा को काव्य प्रज्ञ और स्थानीय इंद्रदेव त्रिवेदी को सर्वगुण संपन्न कवि एवं मनोज दीक्षित 'टिंकू' को हास्य सम्राट की उपाधियों से विभूषित किया गया। इन चारों विभूतियों को सम्मान स्वरूप शॉल उढ़ाई गई और प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह मंच भी प्रदान कि

संस्था के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय ज्ञानस्वरूप ‘कुमुद’ के सुकवि पुत्र-गीतकार उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने बाल दिवस पर अपना गीत प्रस्तुत किया और खूब वाहवाही बटोरी-

कई चले अभियान यहाॅं पर, हुई सर्व शिक्षा भी कैसी?
कागज पर चल रहे ऑंकड़े, नहीं रही वह ऐसी वैसी।
छोटे बच्चे हमने देखे, मजदूरी कर समय बिताते-
कोई बर्तन साफ कर रहा कोई देखा जूठन खाते।

पत्रकार-कवि गणेश ‘पथिक’ ने अपना यह चर्चित गीत सुनाकर पूरे सदन की प्रशंसा, तालियां और वाहवाही बटोरी-

शूल पथ में हों बिछे फिर भी हमें चलना पड़ेगा।

दीपकों के नेह सा तिल-तिल हमें चलना पड़ेगा।

बस्तियों में स्वार्थ की यदि आज शिवता सिसकती है-

अगर बर्बरता मनुज के मानसों में दहकती है-

यदि गरल के सिन्धु में है डूबती पूरी मनुजता-

तो ‘पथिक’ शिव की तरह विषपान भी करना पड़ेगा।

कवि गोष्ठी में कवियों ने बाल दिवस पर अपनी एक से बढ़कर एक सरस रचनाऍं प्रस्तुत कीं और खूब वाहवाही लूटी।

कवि गोष्ठी में वरिष्ठ कवयित्री शिवरक्षा पांडेय, सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट, गणेश ‘पथिक’, सुभाष रावत ‘राहत बरेलवी’, निर्भय सक्सेना, अलका गुप्ता, डॉ. बी. एन. शास्त्री, हरिकांत मिश्र ‘चातक’, राम कुमार कोली,सरवत परवेज ‘सहसवानी’, राम कुमार अफरोज, लक्ष्वेश्वर राजू, महासचिव बृजेन्द्र तिवारी ‘अकिंचन’, राज शुक्ल ‘गज़लराज’, डॉ. राजेश शर्मा ‘ककरेली’, राम प्रकाश सिंह ‘ओज’, राजकुमार अग्रवाल ‘राज’, रामधनी ‘निर्मल’, रामकृष्ण शर्मा, विवेक विद्रोही, बीना शर्मा, किशन बेधड़क, हरीश गुप्ता, सर्वेश चंद्र द्विवेदी, सुशील अग्रवाल एवं रितेश साहनी आदि ने भी श्रेष्ठ रचनाएं प्रस्तुत कर सबको प्रभावित किया। गोष्ठी का काव्यमय-सफल संचालन हास्य कवि मनोज दीक्षित ‘टिंकू’ ने किया।

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