
राकेश खंडूरी के निधन से पत्रकारिता जगत शोकाकुल
एफएनएन, देहरादून : अमर उजाला के राज्य ब्यूरो प्रमुख राकेश खण्डूड़ी का इलाज के दौरान निधन हो गया। वे अमर उजाला की देहरादून यूनिट में कार्यरत थे और बीते कुछ समय से हृदय रोग से जूझ रहे थे। एम्स ऋषिकेश में उनका उपचार चल रहा था, जहां बुधवार को उनका ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती गई और देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
वरिष्ठ पत्रकार राकेश खण्डूड़ी करीब 20 वर्षों से अमर उजाला की देहरादून यूनिट में सेवाएं दे रहे थे। इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी अमर उजाला के साथ कार्य किया था। लंबे समय से वे देहरादून में सक्रिय पत्रकारिता कर रहे थे और हर मौसम की परवाह किए बिना प्रतिदिन डोईवाला से देहरादून आकर अपने दायित्वों का निर्वहन करते थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर उजाला के उत्तराखण्ड राज्य ब्यूरो प्रमुख श्री राकेश खंडूड़ी के निधन पर दुःख व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है ।
महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी ने भी अमर उजाला के ब्यूरो प्रमुख श्री राकेश खंडूड़ी के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
बद्रीकेदार समिति के अध्यक्ष ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
बद्रीकेदार मन्दिर समिति के अध्यक्ष श्री हेमन्त द्विवेदी ने अमर उजाला के ब्यूरो प्रमुख श्री राकेश खंडूड़ी के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिये भगवान बद्री केदार जी से प्रार्थना कि पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
पत्रकारिता जगत को दिया अमूल्य योगदान
राकेश खंडूरी लंबे समय से पत्रकारिता से जुड़े हुए थे और देहरादून के पत्रकार समाज की एक सशक्त आवाज माने जाते थे। उनकी लेखनी जहां तीखी और प्रभावशाली थी, वहीं उनका व्यक्तित्व उतना ही सौम्य और सरल था।
वे हमेशा युवा पत्रकारों को मार्गदर्शन देते रहते थे और पत्रकारिता में मूल्यों की पैरवी करते थे। उनकी इसी विशेषता की वजह से वे न केवल पत्रकारों बल्कि आम जनता और राजनीतिक क्षेत्र में भी सम्मानित व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे।
सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि की बाढ़
वरिष्ठ पत्रकार के निधन की खबर मिलते ही सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। तमाम पत्रकारों, नेताओं और शुभचिंतकों ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को अमूल्य बताया।
पत्रकारिता जगत को गहरा आघात
राकेश खंडूरी के निधन से पत्रकारिता जगत को एक ऐसी क्षति हुई है जिसकी भरपाई संभव नहीं है। उनकी सादगी, शालीनता और मार्गदर्शन की कमी हमेशा महसूस की जाएगी।
अनेक पत्रकार, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उनके निधन से उत्तराखंड के मीडिया जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।

