
एफएनएन, नई दिल्ली : नई दिल्ली नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से सवा चार साल की ‘नागरिकता’ का देश सेवा का सपना मुकम्मल होगा।वर्ष 2019 में संसद में नागरिकता संशोधन कानून पारित होने के समय ही मजनू का टीला स्थित हिंदू शरणार्थी कैंप में रहने वाले ईश्वर के घर नौ दिसंबर को बेटी ने जन्म लिया था, जिसका नाम हर्षित भाव से नागरिकता रख दिया गया।
बेटी को बनाना चाहते हैं बड़ा अधिकारी
अपनी झोपड़ी में दूसरे बच्चों के साथ खेलती नागरिकता के पिता ईश्वर आशा भरी आवाज में बताते हैं कि वह भले ही अधिक नहीं पढ़ सके, मगर बेटी को पढ़ा-लिखाकर बड़ा अधिकारी बनाएंगे ताकि वह भारत की सेवा कर सके।
रिंग रोड के किनारे ठेली पर स्मार्ट फोन के कवर बेचकर घर चलाने वाले ईश्वर बेटी को सरकारी स्कूल में दाखिला कराने की तैयारी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने का भरसक प्रयास करेंगे।
14 साल पहले आए थे दिल्ली
14 साल पहले ईश्वर परिवार के साथ पाकिस्तान छोड़कर दिल्ली में शरण लेने आए थे तब वह 11 वर्ष के थे और पांचवीं में पढ़ रहे थे। विस्थापन के साथ उनकी शिक्षा पर विराम लग गया। इस बस्ती में रह रहे सभी शरणार्थी गरीबी में जी रहे हैं।
मजदूरी और छोटे-मोटे सामान बेचकर गुजर-बसर करते हैं, लेकिन बच्चों को लेकर उनके सपने बड़े हैं। नागरिकता नहीं होने से उनको स्कूलों में प्रवेश में परेशानी होती थी।
नागरिकता कानून लागू होने के बाद अब उनका आसानी से प्रवेश मिल सकेगा। आठवीं कक्षा में पढ़ रही श्रीदेवी व रामकली, सातवीं में पढ़ने वाले सागर और नौवीं में पढ़ने वाले मुकेश की आंखों में सपनों की ऊंची उड़ान है।
कोई पुलिस में जाना चाहता है तो कोई सेना में
सभी एक स्वर में चहकते हुए कहते हैं कि खूब मेहनत कर पढ़ाई करेंगे। किसी का सपना पुलिस अधिकारी बनने का है तो कोई सेना में जाना चाहता है। किसी का सिर्फ एक अदद घर का सपना है। कैंप में चारों ओर हर्ष का माहौल है और सरगर्मियां बढ़ी हैं।
सीएए लागू होने के बाद नए सिरे से फार्म भरने के लिए दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। बृहस्पतिवार सुबह जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में जाने को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं। लोग नए कपड़े पहनकर तैयार हो रहे थे।
भारत माता की जय और जयश्री राम के अभिवादन के साथ कैंप के प्रधान दयाल दास कहते हैं कि अब उन्हें भी भारत माता से जुड़ी पहचान मिलेगी। वह भी यहां घर बना सकेंगे। पासपोर्ट और वीजा के झंझट से मुक्ति मिलेगी।