
एफएनएन, पिथौरागढ़: मॉनसून के सीजन में उत्तराखंड में कहीं से भी मौत बरस जा रही है. उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में घर में सोते लोगों के ऊपर पहाड़ी से आया बोल्डर मकान तोड़ते हुए जा गिरा. इससे एक लड़के की मौत हो गई. दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. ये घटना देवतपुरचौड़ा गांव की है.
पिथौरागढ़ में पहाड़ से बरसी मौत: पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित देवतपुरचौड़ा गांव में सोमवार देर रात 1 बजे पहाड़ी से एक बड़ा बोल्डर लुढ़कता हुआ आ गया. ये बड़ा बोल्डर एक मकान के ऊपर गिरा. मकान को तोड़ते हुए बोल्डर ने घर में सो रहे लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. बोल्डर के नीचे एक लड़का और दो बड़े लोग आ गए. 11 साल के लड़के की ज्यादा चोट लगने से मौत हो गई. दो लोग घायल हो गए.
पहाड़ से लुढ़का बोल्डर मकान पर गिरा: पिथौरागढ़ तहसील के नजदीकी गांव देवतपुरचौड़ा में आधी रात अचानक पहाड़ी से एक बड़ा बोल्डर रघुवीर प्रसाद, नरेश कुमार पुत्र स्वर्गीय शिव राम के मकान की दीवारें तोड़ते हुए अंदर घुस गया. घर के अंदर गहरी नींद में सो रहा पूज्य कुमार उर्फ प्रिंस उम्र 11 साल बोल्डर के नीचे आ गया. इससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई.
11 साल के लड़के की बोल्डर के नीचे दबकर मौत: घर में ही सो रहे रघुवीर प्रसाद और नरेश कुमार नाम के दोनों भाइयों को गंभीर चोटें आई. बताया जा रहा है कि पूज्य कुमार अपने परिवार के साथ यहां पर रिश्तेदारी में आया हुआ था. वो वर्तमान में दिल्ली में रहता था. घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और एसडीआरफ की टीमें देर रात्रि को घटना स्थल पर पहुंची और राहत बचाव का कार्य शुरू किया.
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने क्या कहा: भूपेंद्र महर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी पिथौरागढ़ ने बताया कि-सोमवार देर रात लगभग एक बजे पहाड़ी से बोल्डर आने के कारण एक 11 वर्षीय बच्चे की मौके पर मौत हो गई थी. दो लोग घायल हो गये थे. घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमों ने मौके जाकर राहत बचाव का कार्य शुरू कर दिया. -भूपेंद्र महर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, पिथौरागढ़-
जिले भर में दो दर्जन से अधिक मकान खतरे की जद में: पिथौरागढ़ जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण दो दर्जन से अधिक मकान खतरे की जद में आ गये हैं. जिनमें रह रहे लोगों को प्रशासन के द्वारा अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं अभी जिले के डेढ़ दर्जन से अधिक मोटर मार्ग बंद हैं.

