Friday, May 9, 2025
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टीएमसी को बड़ा झटका, त्रिपुरा में होने वाले स्‍थानीय निकाय चुनाव पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार

एफएनएन, दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कानून-व्यवस्था को लेकर त्रिपुरा में स्थानीय निकाय चुनावों को टालने से इनकार कर दिया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि चुनाव को टालना किसी भी लोकतंत्र में सबसे आखिर का कदम है और हम इसके खिलाफ हैं। अगर हम ऐसा करते हैं तो इससे एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी। इसे लेकर टीएमसी ने अदालत में याचिका दाखिल की थी।

  • टीएमसी ने दाखिल की थी याचिका

टीएमसी की तरफ से पेश अधिवक्ता अमर दवे ने कहा था कि अदालत के 11 नवंबर के आदेश के बावजूद राज्य में स्थिति बिगड़ती जा रही है। उन्होंने कहा, ‘कल एक घटना हुई थी। राज्य में स्थिति बहुत अस्थिर है और यह बद से बदतर होती चली गई है। स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जा रही है।’ उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं और उनके सदस्यों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं, इसलिए अवमानना कार्रवाई की याचिका दायर की गई है। पीठ के यह पूछने पर कि क्या याचिका दायर की गई है, दवे ने कहा कि यह दायर किए जाने की प्रक्रिया में है और एक बार सूची में दर्ज हो जाए, वह इसे अदालत को प्रदान करेंगे। पीठ ने कहा, ‘ठीक है, हम मंगलवार को इसपर सुनवाई करेंगे। एक बार याचिका सूची में दर्ज हो जाए, आप इसके ब्योरे कोर्ट मास्टर को दे दें।’

शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को त्रिपुरा सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों के लिए टीएमसी सहित किसा भी राजनीतिक दल को कानून के अनुसार चुनावी अधिकारों का इस्तेमाल करने और शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित रूप से प्रचार करने से नहीं रोका जाएगा। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को नगर निगम चुनावों में राजनीतिक भागीदारी के निर्बाध अधिकार के लिए कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया था। इसने टीएमसी और उसकी राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों के खिलाफ व्यापक स्तर पर हिंसा का आरोप लगाते हुए सुरक्षा का अनुरोध किया गया था।

  • शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे टीएमसी के 16 सांसद

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने त्रिपुरा में पार्टी नेताओं पर हमलों को लेकर दिन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय भी मांगा है। पार्टी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है कि उनके 16 सहयोगी शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, ‘टीएमसी पर क्रूर हमले। यहां तक कि मीडिया के सदस्यों ने भी त्रिपुरा में घेराव किया। अभूतपूर्व हमले। झूठे आरोप में गिरफ्तारियां। तृणमूल के 16 सांसद दिल्ली पहुंच चुके हैं। सर, कृपया हमें आज सुबह मिलने का समय दें।’

गौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्य में अगरतला नगर निगम (एएमसी) और 12 अन्य नगर निकायों के चुनाव 25 नवंबर को होने हैं। इससे पहले राज्य पुलिस ने सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और टीएमसी दोनों को अगरतला में अपनी रैलियों के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि त्रिपुरा पुलिस द्वारा तृणमूल युवा कांग्रेस प्रमुख सायोनी घोष की गिरफ्तारी के खिलाफ सांसदों ने राष्ट्रीय राजधानी में धरना देने की योजना बनाई है। घोष को रविवार को एक जनसभा में कथित रूप से हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जहां मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब मौजूद थे।

  • बवाल क्यों

पश्चिमी त्रिपुरा के एडिशनल एसपी बीजे रेड्डी ने बताया कि शायनी घोष को अगरतला पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया है क्योंकि वह भाजपा कार्याकर्ताओं को जान से मारने की कोशिश कर रही थीं। भाजपा के ये कार्यकर्ता एक पब्लिक मीटिंग में थे। सबूत के आधार पर आईपीसी की धारा 307, 153 के तहत केस दर्ज किया गया है।

 

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