एफएनएन, दिल्ली : आज किसानों का भारत बंद है। भारत बंद को लेकर दिल्ली से सटी सीमाओं, पंजाब, बिहार समेत देश के कई राज्यों में किसान प्रदर्शन कर रहे। भारत बंद को किसानों के अलावा कई राजनीति दलों और सामाजिक संगठनों का समर्थन है। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले 40 से अधिक किसान संगठनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। अनेक सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है। इस दौरान दिल्ली से सटी सीमाओं जैसे-गाजीपुर, सिंघु, शंभू बार्डर पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर रोड जाम किया गया है। इसकी वजह से ट्रैफिक डायवर्ट भी किया गया है। इसके अलावा कई राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। किसान इस दौरान इंमरजेसी सेवा को छोड़कर सभी चीजों को बंद करेंगे। भारत बंद को लेकर ये तय किया गया है कि इस दौरान किसान रास्तों और हाईवे पर धरना देंगे। सरकारी दफ्तरों के सामने प्रदर्शन होगा। भारत बंद की वजह से दिल्ली में कई रास्तों का बंद किया गया है तो कई जगह रूट डायवर्ट किया गय़ा है।
क्या बोले टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत बंद पूर्ण रूप से सफल रहा। आगे की रणनीति संयुक्त किसान मोर्चा बनाएगा। वे बोले, ‘हमारा ‘भारत बंद’ सफल रहा। हमें किसानों का पूरा समर्थन मिला… हम सब कुछ सील नहीं कर सकते क्योंकि हमें लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाना है। हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई बातचीत नहीं हो रही है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘उन्होंने (योगी आदित्यनाथ) ने घोषणापत्र में गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 375-450 रुपये करने का वादा किया था, फिर भी उन्होंने केवल 25 रुपये ही बढ़ाए। उन्हें हुए नुकसान का हिसाब देना चाहिए। सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। एमएसपी दरों पर नहीं बिक रही फसलें।’
सिंघु बार्डर पर एक किसान की मौत
किसानों के भारत बंद के दौरान दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर एक किसान की मौत हो गई है। हालांकि, दिल्ली पुलिस का कहना है कि किसान की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है।
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख को गुस्साए किसानों ने लौटाया
गाजीपुर सीमा पर कुछ आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी को उनके विरोध स्थल से जाने के लिए कहा। वह उनके साथ शामिल होने आए थे। किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों को लेकर आज भारत बंद का आह्वान किया है।
इसके बाद भाकियू के नेता प्रवीण मलिक ने कहा है कि हमने उनसे कहा कि हम उन्हें बंद के दौरान उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं लेकिन हमारा एक गैर-राजनीतिक विरोध और मंच है। हमने पहले घोषणा की थी कि हम अपने मंच पर राजनीतिक दलों को अनुमति नहीं देंगे। इसलिए हमने उनसे अनुरोध किया कि वे हमारी साइट से थोड़ी दूर पर विरोध करें। हम विरोध नहीं कर रहे।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा है कि मैं उनकी स्थिति समझ सकता हूं। यह किसानों का मसला है, कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी। अगर किसान हमें यहां से जाने को कहेंगे तो हम वापस चले जाएंगे। हम यहां किसानों के लिए आए हैं, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।