एफएनएन, गरमपानी, अल्मोड़ा । नैनीताल से सटे अल्मोड़ा जिले के बेतालघाट ब्लॉक के नए चौर्सा के जंगल में संरक्षित बांज के पेड़ों पर आरी चला देने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ पाया है कि अब सुदूर पांगकटारा गांव से सटे जंगल में बांज व चीड़ के पेड़ों की तस्करी का मामला सामने आया है। बाकायदा वाहनों में भरकर बांज के गिल्टो की तस्करी की जा रही है। ग्राम प्रधान ने इस मामले में प्रशासन और वन विभाग के समक्ष कार्रवाई की मांग उठाई है।
बेलगाम लकड़ी माफिया संरक्षित वन्य क्षेत्रों की प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ों का कटान करने से भी नहीं चूक रहे हैं। आएदिन इस तरह के मामले यहां प्रकाश में आते ही रहते हैं। प्रशासन कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर छुटभइयों को तो जेल भेज दे रहा है लेकिन बड़े तस्करों पर एक्शन की हिम्मत नहीं जुुटा पा रहा है। सुदूर पांगकटारा गांव से सटे विनायक व पांगकटारा के जंगल में पेड़ काटे जाने की सूचना से हड़कंप मच गया है। ग्राम प्रधान त्रिलोक सिंह ने बड़े पैमाने पर तस्करी की बात कही है। आरोप लगाया है कि बाहरी बिल्डर पैसों का झांसा दे पेड़ कटवा रहे हैं करीब दस से बारह बांज तथा कई चीड़ के पेड़ों पर आरी चला दी गई है। कहा कि बाहरी बिल्डर लगातार पेड़ों को नुकसान पहुंचाने पर आमादा है। ग्राम प्रधान ने जल्द मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की है। दो टूक चेताया है कि यदि तस्करी पर रोक नहीं लगाई गई तो ग्रामीणों को साथ लेकर तहसील मुख्यालय में धरना दिया जाएगा।
लकड़ी तस्करों पर कराएंगे सख्त कार्रवाई
कोसी रेंज के रेंजर तनुजा परिहार ने बताया कि बीते तीन वर्ष से पीडी की कोई भी अनुमति नहीं दी गई है। कटान कहां हुआ, यह पता लगाकर पेड़ों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा।