Saturday, July 12, 2025
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बरेली का घोटालेबाज ठेकेदार जिला पंचायत को तीन साल तक लगाता रहा चूना, 2.22 करोड़ का घोटाला

  • तत्कालीन एएमए की शह पर कराता रहा लदान-ढुलान शुल्क की अवैध उगाही

एफएनएन, रुद्रपुर: जिला पंचायत के एक ठेकेदार ने जनपद ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैफिक पार्किंग और लदान-ढुलान टैक्स की वसूली कर तीन साल की अवधि में 2.22 करोड़ रुपये की वसूली की लेकिन एक भी रुपया जिला पंचायत के सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया। तकरीबन सवा दो करोड़ रुपये का यह घोटाला तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी के कार्यकाल में उनसे सांठगांठ कर किया गया। अब नए एएमए ने गुजरे तीन साल का लेखा-जोखा कराया तो ठेकेदार और तत्कालीन एएमए की कारगुजारी खुलकर सामने आ गई। एएमए ने जहां ठेकेदार को नोटिस भेजकर अवैध रूप से वसूली गई पूरी रकम फौरन जिला पंचायत के कोष में जमा कराने की सख्त हिदायत दी है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष और उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री रेनू गंगवार ने भी प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय को इस पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए शासन स्तर पर कमेटी गठित कर जांच कराने और दोषी पाए जाने पर आरोपी ठेकेदार और तत्कालीन एएमए के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराने का पुरजोर आग्रह किया है।

जिला पंचायत अध्यक्ष/राज्यमंत्री श्रीमती गंगवार द्वारा पंचायती राज मंत्री श्री पांडेय को भेजे गए पत्र के मुताबिक, जिला पंचायत द्वारा ब्रह्मपुरा, बरेली निवासी ठेकेदार शशांक चांडक को 24 मार्च 2016 को  वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए ट्रैफिक पार्किंग और लदान-ढुलान टैक्स की वसूली का 68 लाख 555 रुपये का ठेका स्वीकृत किया था। बताया गया कि 5 अगस्त 2017 को जारी हुए डीएम के आदेश पर जिले भर में विभिन्न स्थानों पर चल रही लदान-ढुलान टैक्स की वसूली बंद करवाते हुए 20 नए अड्डे तय कर उन्हीं पर वसूली कराने को निर्देशित किया था लेकिन आरोप है कि तत्कालीन एएमए से साठगांठ कर ठेकेदार चांडक ने नए चिह्नित अड्डों को तो चालू नहीं कराया लेकिन जिले भर में सैकड़ों स्थानों पर अपने दबंग कारिंदों से अवैध वसूली कराता रहा।

तीन साल तक उगाही, खजाने में जमा नहीं कराया एक भी रुपया

इस तरह ठेकेदार ने सिर्फ इन 20 अड्डों को ही चालू न कराकर जिला पंचायत को 40 लाख रुपये का चूना लगा दिया। इतना ही नहीं, पिछले तीन साल के दौरान वसूली गई रकम जिला पंचायत के सरकारी खजाने में जमा भी नहीं करवाई गई। अवैध उगाही का यह सिलसिला पूरे तीन साल तक जारी रहा। इस तरह ठेकेदार चांडक तत्कालीन एएमए की शह पर वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में 68 लाख 555-68 लाख 555 रुपये और वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह नवंबर 2020 तक 45लाख 33 हजार 703 रुपये का चूना जिला पंचायत को लगा दिया। कुल मिलाकर तीन साल में 2 करोड़ 22 लाख 15144 रुपये की हानि पहुंचाई।

नए एएमए ने आरोपी ठेकेदार को थमाया नोटिस

अब नए एएमए ने 23 नवंबर को 2.22 करोड़ रुपये के घोटाले के कर्ता-धर्ता ठेकेदार चांडक के साथ ही तत्कालीन एएमए को भी नोटिस भेजकर पूरी रकम जल्द से जल्द जिला पंचायत के खजाने में जमा करवाने, अन्यथा सख्त कानूनी कार्रवाई झेलने की साफ हिदायत दे दी है।

पंचायती राज मंत्री ने ठेकेदार-एएमए के खिलाफ जांच बैठाई

उधर, जिला पंचायत अध्यक्ष/राज्यमंत्री रेनू गंगवार के पत्र पर पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडेय ने प्रदेश के सचिव पंचायती राज को कमेटी गठित पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों से रिकवरी करवाकर उन्हें कड़ी सजा दिलवाना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।

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