एफएनएन, दिल्ली : सूरत की महिला शिष्य से दुष्कर्म के मामले में अहमदाबाद की गांधीनगर अदालत ने मंगलवार को आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई है। 81 वर्षीय स्वयंभू बाबा को कोर्ट ने एक दिन पहले दोषी ठहराया था। 10 साल से जेल में बंद आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का यह मामला 22 साल पुराना है, तब अक्टूबर 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में एफ आई आर दर्ज हुई थी।
एफआईआर के मुताबिक महिला के साथ अहमदाबाद शहर के बाहर बने आश्रम में वर्ष 2001 से 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म किया गया। महिला तब आसाराम के आश्रम में ही रहती थी। मामले में पुलिस ने जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी। सत्र अदालत के न्यायाधीश डीके सोनी ने सजा पर दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया आसाराम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई।
सरकारी वकील आरसी कोडेकर ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि आसाराम आदतन अपराधी है, इसलिए उसे भारी जुर्माने के साथ उम्र कैद की सजा सुनाई जाए। फैसला आने के बाद कोडेकर ने कहा कि आसाराम को जिस अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है, उसके लिए अधिकतम उम्रकैद अथवा 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है, और आसाराम को अधिकतम सजा मिली है।
इस मामले में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपी भी थे। एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। कोर्ट ने बाकी पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। आपको बता दें कि आसाराम अभी जोधपुर जेल में बंद है। वह 2013 में राजस्थान के अपने आश्रम में यूपी की एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के एक अन्य मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा है। जोधपुर की अदालत ने इस मामले में 25 अप्रैल 2018 को यह सजा सुनाई थी।