
एफएनएन, रायपुर : छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को दो अलग-अलग मामलों में अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. बिलासपुर में आदिम जाति कल्याण विभाग के एक बाबू और सूरजपुर जिले के महामाया शक्कर कारखाने के असिस्टेंट इंजीनियर पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर आम लोगों से अवैध वसूली की.
बिलासपुर में अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि के नाम पर रिश्वत: बिलासपुर के बिल्हा थाना क्षेत्र में एसीबी ने आदिम जाति कल्याण विभाग के बाबू मनोज तोंडेकर को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. आरोपी बाबू, युवक से अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत मिलने वाली राशि जारी करने के बदले पैसे मांग रहा था.
युवक ने लंबे समय तक दफ्तर के चक्कर लगाने के बाद एसीबी को शिकायत की. शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई और मनोज तोंडेकर को नेहरू चौक स्थित कंपोजिट बिल्डिंग में 10 हजार रुपए लेते ही गिरफ्तार कर लिया. बाबू के कब्जे से रिश्वत की रकम बरामद कर पूछताछ जारी है. प्रारंभिक जांच में पता चला कि बाबू लंबे समय से इसी तरह लोगों को परेशान कर अवैध वसूली करता था.
मजदूर ने एसीबी से शिकायत की और टीम ने कारखाने के दफ्तर के पास ट्रैप लगाकर असिस्टेंट इंजीनियर को रंगे हाथों 50 हजार रुपए लेते ही पकड़ लिया. इससे पहले आरोपी ने ड्यूटी पर लगाने के लिए 1 लाख रुपए की मांग की थी.
एसीबी की इन कार्रवाइयों ने राज्य के सरकारी कार्यालयों और विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप मचा दिया है. अधिकारियों पर यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश है और आम जनता के लिए यह राहत की बात है कि शिकायत के बाद तुरंत कार्रवाई की जा रही है.

