एफएनएन, नई दिल्ली: संसद में घुसपैठ के आरोपी अमोल शिंदे सेना में भर्ती होना चाहता था। इसके लिए उसने सेना की कई भर्तियों में हिस्सा भी लिया था लेकिन उसका चयन नहीं हो पाया। अमोल के माता-पिता ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अमोल आगे पढ़ना चाहता था और इसके लिए वह 4000 रुपये प्रति महीना मांग रहा था लेकिन हम दे नहीं सके। परिजनों ने बताया कि अमोल ने दिहाड़ी मजदूर के तौर पर भी काम किया है।
संसद में घुसपैठ का आरोपी अमोल सेना में भर्ती होना चाहता था, आर्थिक तंगी के चलते नहीं कर पाया पढ़ाई
अमोल शिंदे (25 वर्षीय) लातूर की चकूर तहसील के जारी गांव का निवासी है। अमोल को बुधवार को हरियाणा के जींद की निवासी नीलम (42 वर्षीय) के साथ संसद भवन के बाहर गैस के कैनिस्टर फोड़ने का आरोप है। इसके चलते संसद भवन परिसर में धुआं भर गया था। इस दौरान दोनों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे भी लगाए। घटना के बाद लातूर पुलिस की एक टीम जारी गांव पहुंची और अमोल के बारे में पूछताछ की। अमोल की मां ने बताया कि केसर बाई ने बताया कि वह हमेशा सेना में जाना चाहता था लेकिन मैंने उसे नौकरी करने को कहा था। जब पुलिस हमारे घर पहुंची, तभी हमें घटना के बारे में पता चला। पुलिस उसके स्पोर्ट्स संबंधी दस्तावेज अपने साथ लेकर गई है।
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आगे पढ़ाई करना चाहता था अमोल शिंदे
उन्होंने कहा कि ‘अमोल हमेशा से लातूर जाकर पढ़ना चाहता था, जिसके लिए वह 4000 रुपये महीना मांगता था लेकिन हम दे नहीं सके क्योंकि हमने उसकी स्कूली पढ़ाई पर ही सारा पैसा खर्च कर दिया था।’ पिता धनराज शिंदे ने बताया कि अमोल दिहाड़ी मजदूर के तौर पर भी काम कर चुका था। उन्होंने कहा कि ‘अगर वह बच गया तो गांव वापस लौट आएगा लेकिन अगर नहीं आ सका तो हम मानेंगे कि हमारा कोई बेटा ही नहीं था।’
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