एफएनएन, देहरादून : प्रदेश के निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में एमबीबीएस, एमएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में पुरानी फीस पर ही दाखिले होंगे। शुल्क नियामक समिति की ओर से फीस का निर्धारण न होने से शासन ने पुरानी फीस पर दाखिला करने के आदेश जारी किए हैं।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गठित शुल्क नियामक समिति की ओर से निजी मेडिकल कॉलेज और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस, एमएस, बीडीएस समेत पैरामेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रमों के फीस तय की जाती है। लेकिन समिति ने अभी तक शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए फीस का तय नहीं की है। जिससे मेडिकल कॉलेजों में काउंसिलिंग लटकी पड़ी थी।
इस देखते हुए शासन ने निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों को पिछले सत्र 2021-22 की फीस के आधार पर दाखिले करने के आदेश दिए हैं। शासन ने आदेश में स्पष्ट किया कि शुल्क नियामक समिति की ओर से फीस की दरें बढ़ाई या कम की जाती है। उसे लागू किया जाएगा। पुरानी और नई फीस में कोई अंतर आता है तो उसका समायोजन किया जाएगा।
मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेजों में फीस का निर्धारण उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से गठित समिति के माध्यम से किया जाता है। अभी तक समिति ने फीस तय नहीं की है। जब तक समिति की ओर से फीस तय नहीं की जाती है तब तक मेडिकल और डेंटल में पुरानी फीस पर दाखिले किए जाएंगे।
- सरकारी मेडिकल कॉलेज: बगैर बांड 1.45 लाख व बांड के तहत 50 हजार रुपये सालाना। बांड की व्यवस्था अभी सिर्फ श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में।
- एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज: स्टेट कोटा के तहत 9.78 लाख व मैनेजमेंट कोटा में 13.22 लाख रुपये सालाना।
- एचआइएमएस जौलीग्रांट: मैनेजमेंट कोटा के तहत 18 लाख रुपये सालाना। राज्य के स्थाई निवासी 40 प्रतिशत छात्रों को फीस में 26 प्रतिशत की छूट।