Monday, June 23, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडकेसर इंटरप्राइजेज की जमीन खुर्द- बुर्द करने की बड़ी साजिश, उद्योगपति समेत...

केसर इंटरप्राइजेज की जमीन खुर्द- बुर्द करने की बड़ी साजिश, उद्योगपति समेत कई सफेदपोशो के नाम आ रहे सामने

  • मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचा जमीन पर कब्जे का मामला
  • शुगर मिल प्रबंधन ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी उठाए सवाल

एफएनएन, रुद्रपुर : सरकार की ओर से केशर शुगर वर्क्स (अब केसर इंटरप्राइजेज) को आवंटित की गई बेशकीमती जमीन पर एक उद्योगपति की गिद्ध दृष्टि पड़ गई है। इस बेशकीमती भूमि पर कब्जा कराने का आरोप फैक्ट्री प्रबंधन ने लगाया है। वहीं मुख्यमंत्री से भी इस मामले में शिकायत की गई है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए हैं।


मामला उत्तर प्रदेश के बहेड़ी में स्थित केसर शुगर वर्क्स (अब केसर इंटरप्राइजेज) से जुड़ा हुआ है। फैक्ट्री के मुख्य संचालन अधिकारी शरत मिश्रा के अनुसार 1934 में उत्तर प्रदेश सरकार ने फैक्ट्री के नाम किच्छा के खुरपिया में एग्रीकल्चर फॉर्म को भूमि आवंटित की थी। उस वक्त छोटेलाल पुत्र किलाचंद कंपनी के डायरेक्टर थे। वर्ष 1956 में छोटे लाल की मृत्यु के उपरांत राजस्व अभिलेखों में भूमि मालिक का नाम दर्ज किए जाने बाबत कार्रवाई चली। छोटेलाल की जगह डायरेक्टर बने उनके पुत्र जीवनलाल का नाम बतौर प्रतिनिधि केसर शुगर वर्क्स अभिलेखों में दर्ज हुआ।

1974 में अधिकतम जोत सीमा आरोहण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई चली और संपूर्ण भूमि को केसर शुगर वर्क्स का मानते हुए नोटिस जारी किया गया। यह सीलिंग बाद नियत प्राधिकारी जिला न्यायालय, हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट से 2012 में समाप्त हुआ। उस समय नियत प्राधिकारी अपर जिला अधिकारी ऊधमसिंह नगर ने सीलिंग वाद सरकार बनाम केसर शुगर वर्क्स ने 21 जुलाई 1914 को 16.4690 हेक्टेयर भूमि के शुगर बस को दी तथा 612.540 हेक्टेयर भूमि अतिरिक्त घोषित उत्तराखंड सरकार में निहित कर दी। उक्त भूमि का जीवन लाल तथा उनके वारिसान का निजी तौर पर कोई हक नहीं था।

फैक्ट्री के मुख्य संचालन अधिकारी शरत मिश्रा का कहना है कि पन्ना विनय शाह पत्नी स्वर्गीय दिनेश शाह ने अपने आपको जीवन लाल का बारिस बताकर बिना कोई नोटिस केसर इंटरप्राइजेज को दिए तहसीलदार किच्छा से अनाधिकृत रूप से एक आदेश 6 फरवरी 2023 को पारित करा लिया और अपना नाम राजस्व अभिलेखों एवं खतौनी में दर्ज करा लिया। केसर इंटरप्राइजेज को न तो कोई सम्मन अथवा सुनवाई का अवसर ही दिया गया। इसके बाद पन्ना विनय शाह ने तीन मार्च 2023 को एक निषेधाज्ञा सिविल जज जूनियर डिविजन, रुद्रपुर के न्यायालय से प्राप्त कर ली और उसके आधार पर ही 25 मार्च को पुलिस बल के साथ उक्त भूमि पर जबरन कब्जा कर लिया।

आरोप है कि विरोध करने पर वहां रहने वाले कंपनी के कर्मचारियों को पुलिस द्वारा डराया धमकाया गया। गुजरी 26 मार्च को पुलिस द्वारा कंपनी के आवासों गोदाम एवं अन्य भवनों के ताले तोड़कर कब्जा भी करा दिया गया जबकि कंपनी द्वारा दायर अपील जिला जज रुद्रपुर के समक्ष लंबित है और 5 अप्रैल की तिथि नियत है।

फैक्ट्री के अधिकारी शरत मिश्रा का कहना है कि इस खेल के पीछे हल्द्वानी और रुद्रपुर में कारोबार करने वाला एक उद्योगपति है। जल्द ही front news network उसके नाम का खुलासा भी करेगा। हालांकि इस मामले में फैक्ट्री प्रबंधन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में कितनी पारदर्शिता के साथ कदम उठाती है।

शरत मिश्रा का कहना है कि उन्होंने 13 मार्च को भूमि पर कब्जे की आशंका जताते हुए डीएम, एसएसपी एसडीएम किच्छा, तहसीलदार सभी को सूचना दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

  • तहसीलदार के आदेश पर ही पहुंच गया भारी-भरकम पुलिस बल

रुद्रपुर : फैक्ट्री के मुख्य संचालन अधिकारी शरत मिश्रा का कहना है कि एक तहसीलदार भर के आदेश पर पुलिस महकमा कब्जा कराने पहुंच गया। उनका कहना है कि यह सब उद्योगपति की सेटिंग- गेटिंग के कारण हो रहा है। उसकी इस भूमि पर नजर है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय से उम्मीद है और जल्द ही इस मामले में उन्हें न्याय मिलने का भरोसा है।

क्रमश :

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments