- हाईकोर्ट के आदेश पर दर्जनों स्थायी अतिक्रमण हटवाए, कार्रवाई के डर से लोग खुद भी हटाते दिखे अवैध कब्जे
एफएनएन, कोटद्वारः हाईकोर्ट के आदेश पर बुधवार को प्रशासन द्वारा जेसीबी चलवाकर बदरीनाथ हाईवे से अतिक्रमण हटवा दिया गया। अतिक्रमण हटवाने के लिए पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों का भारी-भरकम अमला पूरे समय मुस्तैद रहा।अधिकारियों की निगरानी में प्रशासन की जेसीबी जमकर गरजी और दर्जनों स्थायी अतिक्रमण तोड़ डाले। बहुत से लोग सरकारी जेसीबी और पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की फौज देखकर खुद ही अतिक्रमण हटाते देखे गए।
इससे पहले मंगलवार शाम को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ फ्लैग मार्च निकाला। बाद में एसडीएम योगेश मेहरा, नगर आयुक्त पीएल शाह, सीओ कोटद्वार अनिल जोशी, कोतवाल नरेंद्र बिष्ट ने पुलिस, प्रशासन और निगम के अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
अतिक्रमण हटाने के लिए गठित टीमों को पुलिस फोर्स और अन्य जरूरी संसाधन भी मुहैया करवाए गए। नगर आयुक्त पीएल शाह ने बताया कि नजूल भूमि के अतिक्रमण के साथ ही फुटपाथ पर बने बरामदों को भी हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार खाली कराया जाएगा।
हल्दूचौड़ में नोकझोंक के बाद मिली दो दिन की मोहलत
एफएनएन, लालकुआंः हल्दूचौड़ में एनएच 109 के चौड़ीकरण के दौरान अतिक्रमण हटाने को लेकर बुधवार को अधिकारियों से दुकानदारों और पूर्व ग्राम प्रधान मुकेश दुम्का की जमकर नोकझोंक हुई। पूर्व प्रधान ने दुकानदारों का पक्ष रखते हुए जोरदार ढंग से प्रशासन से बात की तो अधिकारी आखिरकार अतिक्रमण स्वेच्छा से हटाने के लिए दो दिन की मोहलत देने को राजी हो गए।
हल्दूचौड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के वास्ते हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमण हटवाने के आदेश जारी हो चुके हैं। प्रशासन द्वारा कई बार एनाउंसमेंट कराने के बाद भी किसी ने अतिक्रमण नहीं हटाया। लिहाजा बुधवार को पुलिस-प्रशासन का भारीभरकम अमला जेसीबी लेकर अतिक्रमण हटवाने जा धमका। अफसर बगैर मोहलत दिए तत्काल बलपूर्वक अतिक्रमण हटवाने पर अड़े थे जबकि व्यापारी अतिक्रमण हटाने के लिए कुछ और दिन की मोहलत मांग रहे थे। इसे लेकर अधिकारियों से दुकानदारों और पूर्व ग्राम प्रधान मुकेश दुम्का की जमकर नोकझोंक भी हुई। पूर्व ग्राम प्रधान दुम्का अतिक्रमण हटाए जाने के लिए जिला प्रशासन एवं एनएच के अधिकारियों से दुकानदारों को दो-तीन दिन की मोहलत दिलवाने की मांग करते रहे। आखिरकार पूर्व प्रधान दुम्का और अन्य तमाम व्यापारियों के दबाव में प्रशासन को पांव पीछे खींचने ही पड़े। दुकानदारों को स्वेच्छा से अतिक्रमण हटवाने के लिए 2 दिन की मोहलत मिल गई है।