
एफएनएन, खटीमा: सीमांत क्षेत्र खटीमा में बीते चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने अब कोहराम मचाना शुरू कर दिया है. खटीमा के नदी नालों से कई इलाकों में जल भराव हो गया है. खटीमा के कई ग्रामीण इलाकों में नदी नालों का पानी घुस गया है. बाढ़ आपदा में फंसे ग्रामीण परिवारों को एसडीआरएफ टीम द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है.
खटीमा में भारी बारिश के त्राहि माम: भारी बरसात के रेड अलर्ट को देखते हुए अभी भी कई इलाकों में खतरा बना हुआ है. तहसील प्रशासन की टीम आपदा प्रभावित लोगों के राहत बचाव व भोजन पानी की व्यवस्था में लगी हुई है. कई इलाकों में लोग पानी से घिरे अपने घरों को छोड़कर रेलवे ट्रैक के किनारे पन्नियों को लगाकर रह रहे हैं. फिलहाल बरसात से विकराल हालत बने हुए हैं.
कई इलाकों में लोग जलभराव से त्रस्त: उधम सिंह नगर जिले के सीमांत क्षेत्र खटीमा में बीते वर्ष आई विकराल बाढ़ त्रासदी को लोग भूले भी नहीं थे, कि वहीं एक बार फिर बीते चार दिनों से हो रही बरसात ने खटीमा के कई इलाकों में बाढ़ आपदा जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. खटीमा नगरीय क्षेत्र के कई इलाके भारी बारिश की वजह से जल भराव से त्रस्त हैं. ग्रामीण इलाकों की अगर बात की जाये तो चकरपुर के वन रावत बस्ती, मेलाघाट सिसैया, भगचुरी, नोसर, प्रतापपुर, दिया, खेतल संडा मुस्तजार और यूपी सीमा से लगे दाह ढांकी सहित कई इलाके जल भराव की आपदा को झेल रहे हैं.
रेलवे ट्रैक किनारे टेंट में रह रहे लोग: खटीमा के भगचुरी इलाके में बाढ़ आपदा में फंसे दर्जनों परिवारों को एसडीआरएफ ने मोटर बोट के माध्यम से रेस्क्यू किया. वहीं खटीमा एसडीएम, तहसीलदार सहित राजस्व टीम राहत वचाव में लगे हुए हैं. आपदा प्रभावितों को सरकारी स्कूलों में रुकवाकर उनके भोजन पानी की व्यवस्था की जा रही है. खटीमा तहसील के चकरपुर ग्राम सभा स्थित वन रावत बस्ती में बरसाती नालों के उफान में आने की वजह से पूरी बस्ती पानी में डूब गई है. लोग अपने घरों को छोड़ रेलवे ट्रैक किनारे अपने जानवरों और परिवार के साथ बरसात के बीच पन्नी से टेंट बनाकर रह रहे हैं.
बच्चों को पंचायत घर में मिला आसरा: छोटे बच्चों को ग्राम सभा के पंचायत घर में रुकवाया गया है. यहां पर उनके भोजन की व्यवस्था की जा रही है. फिलहाल बरसात के खतरे को देखते हुए चकरपुर वन रावत बस्ती के सभी लोगों से सुरक्षित स्थान में जाने की अपील की जा रही है. बरसात के अलर्ट के बीच आपदा का खतरा खटीमा के कई इलाकों में अभी बना हुआ है.

