
एफएनएन, छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर में रविवार को स्वास्थ्य विभाग की हकीकत बयां करने वाली एक घटना सामने आई है. यहां एक गर्भवती महिला के पति ने एम्बुलेंस (108) को कई बार कॉल किया, लेकिन जब कोई सुविधा नहीं मिली तो उसका पति हाथ ठेले पर रखकर गर्भवती को अस्पताल लेकर पहुंचा. अस्पताल में मौजूद कर्मचारी ने डॉक्टर न होने का हवाला देकर उसे रात 8 बजे आने को कह दिया. इस दौरान गर्भवती महिला दर्द से तड़पती रही.
गर्भवती को ठेले पर अस्पताल लेकर पहुंचा पति
पूरा मामला छतरपुर जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर चंदला का है. यहां वार्ड नंबर 4 निवासी प्रियंका सेन 9 माह की गर्भवती थीं. रविवार को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उनके पति भूरा सेन ने एंबुलेंस के लिए 108 और जननी एक्सप्रेस को मदद के लिए कई बार कॉल किया. लेकिन कोई सरकारी गाड़ी मौके पर नहीं पहुंची.
दर्द से कराह रही थी पीड़िता
जिसके बाद मजबूर होकर महिला का पति उसे हाथ ठेले पर लिटाकर अस्पताल लेकर पहुंचा तो डॉक्टर नहीं मिले. इस दौरान महिला पीड़ा से तड़पती रही. हॉस्पिटल में मौजूद कर्मचारियों ने डॉक्टर के न होने की बात कह कर पीड़िता को रात 8 बजे लेकर आने को कहा.
डॉक्टर नहीं मिलने पर वापस लौटे
जिसके बाद मजबूर पति फिर उसी हाथ ठेले पर पत्नी को लिटाकर वापस घर ले आया. वार्ड नंबर 4 चंदला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यहां के मौजूदा विधायक दिलीप अहिरवार मध्य प्रदेश सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं. घटना से एक दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव एक कार्यक्रम में छतरपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने करोड़ों रुपए की परियोजनाओं का ऐलान किया था. इस दौरान मंत्री दिलीप अहिरवार सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे.
दोषी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन
पीड़िता के पति भूरा सेन ने बताया कि “एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस को फोन किया था, लेकिन कोई नहीं आया. जिसके बाद बेबस होकर मैं हाथ ठेले पर पत्नी लेटाकर अस्पताल लेकर गए थे. जब हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां डॉक्टर नहीं थे. मुझे कर्मचारियों ने कहा कि रात 8 बजे लेकर आना तब डॉक्टर मिलेंगे.”

