
एफएनएन, भराड़ीसैंण : उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र का दूसरा दिन है. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया. विपक्षी विधायक अपनी मांगों के समर्थन में वेल में आ गए. उधर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या खड़े होकर अपने माइक पर लगातार कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग करने लगे. लेकिन सबसे चौंकाने वाला वाकया मंगलवार रात का था जब विपक्ष के सभी विधायकों ने उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार पूरी रात सदन में धरना दिया.
भुवन कापड़ी ने रिचार्ज सरकार बताया: भुवन कापड़ी से बात की. उन्होंने बताया कि अभी तक हमारी मांगें नहीं मानी गई हैं तो धरना जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि ये रिचार्ज वाली सरकार है. ये एक घटना नहीं है. जब हमारे विधायक आदेश चौहान के साथ एसएसपी ने अभद्र व्यवहार किया था, उनके खिलाफ भी कार्रवाई नहीं हुई. कापड़ी ने कहा कि बनभूलपुरा कांड में भी किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अफसरों पर कार्रवाई नहीं होने से कापड़ी नाराज: भुवन कापड़ी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और विधायकों के साथ अभद्रता हुई, लेकिन किसी अफसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने दोबारा कहा कि ये रिचार्ज वाली सरकार है. इसे सरकार नहीं अधिकारी चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि छोटे घूसखोरों को पकड़वाकर फोटो खिंचवाते हैं, लेकिन बड़े भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है. उप नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम संघर्ष के लिए तैयार हैं. जनता जान चुकी है कि ये भ्रष्ट सरकार है. इनसे अब कोई उम्मीद नहीं है.
ममता राकेश ने कहा हमारी मांग मानी जाए: कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने कहा कि जिन जन भावनाओं के साथ उत्तराखंड बना था, उसकी बीजेपी ने धज्जियां उड़ा दी हैं. नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान जिस तरह सरकार और पुलिस की शह पर गुंडागर्दी हुई वो अफसोसजनक है. हमारी मांग पूरी नहीं होने तक धरना जारी रहेगी. हमने धरने की कोई रणनीति नहीं बनाई थी. जब सरकार ने 310 के अंतर्गत हमारी मांग पर चर्चा नहीं की तो हमने धरना शुरू किया.
विक्रम नेगी ने धरने को उत्तराखंड का सवाल बताया: प्रतापनगर विधायक विक्रम नेगी ने कहा कि सवाल रात के धरने का नहीं है. सवाल उत्तराखंड कैसे बचेगा ये है. उत्तराखंड को बचाने के लिए कांग्रेस दिन और रात सदन में रही. विक्रम नेगी ने कहा कि हमारे धरने को राजनीतिक दृष्टि से न देखा जाए. ये उत्तराखंड को बचाने का अभियान है. जब चुनाव में बंदूकें और तलवारें निकाल ली गई हैं, तो आगे क्या बचा है.
उन्होंने कहा कि दैवीय आपदा में सरकार मानकों में परिवर्तन क्यों नहीं करती है. पंचायत चुनाव के दौरान सदस्यों के पाला बदलने पर विक्रम नेगी ने कहा कि जब सरकार ने खजाना खोल दिया तो बहुत लोगों का ईमान डोल जाता है. ये स्वाभाविक है, लेकिन रेनकोट पहनकर गोली चलाने और अपहरण करने वाले लोगों को कोर्ट के साथ पूरी दुनिया ने देखा है.
सुमित हृदयेश ने तोड़फोड़ के आरोपों को झुठलाया: कांग्रेस के एक और विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष पर हमले और विधायकों के हमले पर चर्चा नहीं हो रही है तो हमारे पास धरना ही रास्ता था. सुमित ने कहा कि हम पर तोड़फोड़ का आरोप गलत है. इसीलिए हमने रात को लाइव करके सच्चाई बताई. उन्होंने कहा कि हमारे खून में गांधी जी की सच्चाई है. हमारे सामने अपहरण हुए हैं, उस पर मीम भी बन रहे हैं, किसी से कुछ छिपा नहीं है.

