एफएनएन, कराचीः पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक भयानक घटना में सशस्त्र हमलावरों ने लाहौर जा रही एक बस को रोककर 9 यात्रियों का अपहरण किया और उनकी हत्या कर दी। यह वारदात झोब क्षेत्र के एन-40 राजमार्ग पर हुई। प्रांत के झोब इलाके के सहायक आयुक्त नवीद आलम ने कहा कि घटना झोब इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई। यह बस क्वेटा से लाहौर जा रही थी। हथियारबंद हमलावरों ने पहले यात्रियों के पहचान पत्र देखे और नौ लोगों को बस से उतरने को कहा तथा गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। आलम ने बताया कि ये सभी लोग पंजाब प्रांत के विभिन्न हिस्सों से थे। उन्होंने बताया, ‘‘हमने सभी नौ शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।’
यह पहली बार नहीं है जब चरमपंथियों ने पंजाब प्रांत के लोगों और बलूचिस्तान में विभिन्न राजमार्ग से गुजरने वाली बसों के यात्रियों को निशाना बनाया है। किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस बीच चरमपंथियों ने क्वेटा, लोरालाई और मस्तुंग में तीन आतंकवादी हमले भी किए लेकिन बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने दावा किया कि सुरक्षा बलों ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। बलूचिस्तान मीडिया में अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि चरमपंथियों ने रात के दौरान प्रांत में कई जगहों पर हमले किए और सुरक्षा चौकियों, सरकारी प्रतिष्ठानों, थानों, बैंकों और संचार टावरों को निशाना बनाया। रिंद ने हमलों की पुष्टि की लेकिन उन्होंने कहा कि इनमें से किसी भी घटना में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
लाशें मिलने का विवरण
अपहरण की घटना के करीब एक से डेढ़ घंटे बाद मृतकों के शव एक नजदीकी पहाड़ी क्षेत्र में पुल के नीचे पाए गए। मृतकों की पहचान मुख्य रूप से मंडी बहाउद्दीन, गुझरनवाला और वजीराबाद के निवासियों के रूप में हुई। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, सभी को नजदीक से गोली मारी गई थी। डिप्टी कमिश्नर हबीबुल्लाह मुसाखेल ने बताया कि हमलावरों की संख्या 10 से 12 थी। उन्होंने सुरक्षा बलों पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) और स्वचालित हथियारों से हमला किया और फिर फरार हो गए। सुरक्षा बलों ने पीछा किया, लेकिन हमलावर अभी तक पकड़े नहीं गए हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान सरकार और बलूचिस्तान प्रशासन ने इस घटना को आतंकवादी हमला बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कठोर सजा देने की बात कही। उल्लेखनीय है कि एन-70 मार्ग पर रात में यात्रा पर पहले से ही प्रतिबंध था और सुरक्षा के लिए मानक प्रक्रियाएं लागू थीं। इसके बावजूद इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।