एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट कर रही है. जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को मोटरयान टैक्स से शत प्रतिशत छूट दी जा रही है. जिससे लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके, लेकिन, प्रदेश में हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों को मोटरयान टैक्स जमा करना होता था. देश के कई राज्यों में हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह से मोटरयान टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. जिसके चलते परिवहन विभाग की ओर से हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों को भी मोटरयान टैक्स के दायरे से बाहर रखने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया. जिस पर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई है.
दरअसल, उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम, 2003 के तहत 2 दिसंबर 2019 को जारी अधिसूचना में विद्युत बैटरी, सोलर पॉवर, सीएनजी से चलने वाले वाहनों पर एक बार के लिए टैक्स की दरें निर्धारित हैं. उस अधिसूचना में केन्द्रीय मोटरयान (नवां संशोधन) नियम, 2023 के नये नियम 125 ‘‘एम’’ के तहत केवल प्लग इन हाईब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन और स्ट्रांग हाईब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन को भी मोटरयान टैक्स से छूट दिए जाने का कैबिनेट ने निर्णय लिया है. इस निर्णय का उद्देश्य है कि वाहन स्वामियों को उस श्रेणी के वाहन खरीद, उसके उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना और प्रदूषण में कमी लाना भी है। ये टैक्स छूट मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 में केवल एक बार के लिये ही वैलिड होगी.
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया जो प्राइवेट इलेक्ट्रिक वाहन हैं उसपर पहले से ही मोटरयान टैक्स माफ है. हाईब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों और स्ट्रांग हाईब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों पर पूरा टैक्स लगता था, लेकिन कई राज्यों में हाईब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के टैक्स को माफ कर दिया गया, क्योंकि पर्यावरण के दृष्टि से ये वाहन भी बेहतर है. इन वाहनों से पॉल्यूशन कम होता है. उत्तराखंड में हाईब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों से टैक्स लिए जाने के चलते ऐसा लग रहा था कि प्रदेश में इस तरह के वाहनों की रजिस्ट्रेशन काफी कम हो रहा है. साथ ही ऐसी भी संभावना थी कि जिन राज्यों में टैक्स माफ है वहां लोग रजिस्टर्ड करवा सकते हैं.
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने कहा पिछले साल उत्तराखंड में करीब 750 हाईब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ. ऐसे में इस छूट के बाद अगले वर्ष में हाईब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा दो हज़ार के पार पहुंचने की संभावना है. इस छूट से परिवहन विभाग को मोटरयान टैक्स का नुकसान तो होगा, लेकिन इस तरह से वाहनों के इस्तेमाल से पर्यावरण को फायदा होगा. साथ ही इससे जीएसटी के जरिए राज्य को लाभ होगा. इन गाड़ियों पर 28 से 43 फीसदी तक जीएसटी मिलता है. ये छूट सिर्फ निजी वाहनों के लिए है.