क्यों भेजा जा रहा अमेरिका
अभी नहीं आया आधिकारिक बयान
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने मामले पर टिप्पणी के लिए रायटर्स के सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया। एअर इंडिया ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
जब कवच बनी टेबल
अहमदाबाद विमान हादसे में सीट संख्या 11ए पर रहे यात्री के समान मेडिकल कालेज के मेस में द्वितीय वर्ष के छात्र रितेश कुमार की जान आश्चर्यजनक तरीके से बच गई। छत तोड़कर विमान के गिरते मलबे के बीच कवच की तरह आई एक टेबल ने उनकी जिंदगी बचा ली।
बिहार के बेगूसराय के मेहदाशाहपुर निवासी रितेश फिलहाल गहरे सदमे में हैं और अहमदाबाद के एक अस्पताल के आइसीयू में भर्ती हैं। हादसे के करीब पांच घंटे बाद उन्होंने मां सुनैना देवी को फोन पर उस भयावह मंजर के बारे में बताया था।
रितेश ने बताया कि वे कालेज की मेस में दोस्तों के साथ भोजन करने गए थे। हम सभी ने हंसी मजाक के बीच मुंह में पहला निवाला लिया ही था कि तेज आवाज हुई और विमान का मलबा गिरने लगा। मेरे ऊपर विमान में रखी ट्रालियां गिरने लगीं। बदहवासी में कुछ समझ नहीं आ रहा था। अचानक एक टेबल मेरे ऊपर आ गई। इससे मेरी जान बच सकी।