Saturday, February 22, 2025
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Homeराज्यउत्तर प्रदेशहाथरस भगदड़ में बेगुनाह निकले भोले बाबा? 121 मौतों का जिम्मेदार कौन?

हाथरस भगदड़ में बेगुनाह निकले भोले बाबा? 121 मौतों का जिम्मेदार कौन?

एफएनएन, लखनऊ: साल 2024 के 2 जुलाई को हाथरस जिले में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि की कथा में भगदड़ हो गई थी। इसकी वजह से 121 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है। सूत्रों के मुताबिक हाथरस कांड में भोले बाबा को क्लीन चिट मिल गई है। हाथरस कांड की न्यायिक रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गई है। आपको बता दें कि बजट पेश होने से पहले कैबिनेट बैठक में रिपोर्ट को प्रस्ताव के तौर पर रखा गया था।

जिसे विधानमंडल के पटल पर रखने के मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही न्यायिक आयोग ने रिपोर्ट में ऐसी घटनाएं रोकने को लेकर अहम सुझाव भी दिए गए हैं। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस की जांच को सही बताया है। हालांकि अभी तक ये पुष्टि नहीं हो सकी है कि हादसे के पीछे कोई साजिश तो नहीं थी।

फिलहाल के लिए राज्य सरकार ने रिपोर्ट के तथ्यों को सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि सूत्रों को मुताबिक रिपोर्ट में भोले बाबा को आरोपी नहीं ठहराया गया है। उन्हें क्लीन चिट मिल गई। बता दें कि हाथरस जिले के सिकंदरारऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में 2 जुलाई, 2024 को भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मृत्यु हो गई थी। हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था।

आयोजकों की लापरवाही है मुख्य कारण

न्यायिक आयोग ने यह माना कि आयोजन स्थल पर मौजूद लोगों की संख्या अनुमानों से काफी अधिक थी। इसके बावजूद सुरक्षा इंतजामों को नजरअंदाज किया गया, जिससे भगदड़ मच गई। आयोजकों की लापरवाही हादसे का मुख्य कारण माना गया और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े प्रावधान लागू करने की भी सिफारिश की गई है।

रिपोर्ट में आयोग ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इसमें कहा गया है कि-

-बड़े कार्यक्रमों से पहले पुलिस अधिकारी स्थल का निरीक्षण करें
-आयोजन के लिए ली गई अनुमति शर्तों का पालन सुनिश्चित करें।
आयोजकों को भीड़ नियंत्रण के विशेष उपायों का पालन करना अनिवार्य किया जाए, ताकि भगदड़ जैसी घटनाओं से बचा जा सके।
-इस रिपोर्ट के बाद सरकार की ओर से कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। प्रशासन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। यह हादसा ना सिर्फ हाथरस बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका था। जिससे प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता और भी ज्यादा महसूस हुई।

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